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Wednesday, 20 November, 2024
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सिख समुदाय के बुद्धिजीवियों की मोदी से मुलाकात, किसानों के मुद्दे, पंजाब के विकास पर चर्चा

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नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) सिख समुदाय के गणमान्य व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और किसान कल्याण, युवा सशक्तिकरण, नशा मुक्त समाज और पंजाब के समग्र विकास पथ जैसे विविध विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि यहां 7 लोक कल्याण मार्ग पर देश भर के प्रमुख सिख बुद्धिजीवियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में मोदी ने एकता की भावना के महत्व पर जोर दिया। प्रतिनिधिमंडल ने निमंत्रण के लिए मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री उनके साथ इस तरह की अनौपचारिक मुलाकात करेंगे। बयान में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल ने सिख समुदाय की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री द्वारा लगातार उठाए गए विभिन्न कदमों की भी सराहना की। बयान में कहा गया है कि बैठक में किसानों के कल्याण, युवा सशक्तिकरण, नशा मुक्त समाज, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कौशल, रोजगार, प्रौद्योगिकी और पंजाब के समग्र विकास पथ जैसे विविध विषयों पर प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्र बातचीत की गई। प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि बुद्धिजीवी समाज के विचार निर्माता होते हैं और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से जनता को जोड़ने और शिक्षित करने के साथ-साथ नागरिकों को ठीक से सूचित करने की दिशा में काम करने का आग्रह करते हैं। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एकता की भावना के महत्व पर जोर दिया जो हमारे देश की व्यापक और सुंदर विविधता के बीच केंद्रीय स्तंभ के रूप में कार्य करती है। मोदी ने मातृभाषा में शिक्षा के महत्व के बारे में बात की और कहा कि भारतीय भाषाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रम विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि मातृभाषा में उच्च शिक्षा वास्तविकता बन सके। समूह के साथ आए भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास पर बैठक 90 मिनट से अधिक समय चली, क्योंकि मोदी ने सिखों के साथ अपने संबंध और उनकी सरकार द्वारा उनके लिए किए गए कार्यों के बारे में बात की। सिरसा ने कहा कि मोदी ने समूह के सदस्यों से समुदाय से संबंधित किसी भी मुद्दे पर उनसे संपर्क करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि वह सिखों से संबंधित चलाये गए कई कार्यक्रमों और उपायों से जुड़े हैं जो उनकी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में किए हैं। मोदी से मुलाकात करने वाले वास्तुकार चरणजीत सिंह शाह ने कहा, ‘यह (आज की बैठक) प्रधानमंत्री द्वारा सिख समुदाय को गले लगाने जैसा है। संदेश था कि समुदाय महत्वपूर्ण है लेकिन देश की एकता अधिक महत्वपूर्ण है।’’ राष्ट्रीय महिला आयोग के विशेषज्ञ पैनल की सदस्य दमनजीत कौर संधू ने कहा, ‘‘हमने पंजाब में नशीली दवाओं के मुद्दे पर चर्चा की। अब हम देखते हैं कि समृद्ध परिवारों के युवा भी मादक पदार्थ के सेवन में लिप्त हो रहे हैं। सर (प्रधानमंत्री) चाहते हैं कि हम इसके बारे में पढ़ें और इस विषय के बारे में व्यापक स्तर पर चिंता व्यक्त करें।’’ सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू ने कहा कि अपनी 37 साल की सेवा में उन्होंने किसी को इतना चिंतित नहीं देखा जैसा प्रधानमंत्री सिख समुदाय के बारे में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसी प्रतिबद्धता नहीं देखी है। प्रत्येक सिख, प्रत्येक पंजाबी और प्रत्येक भारतीय को अपने समुदाय, राज्य और देश के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।’’ बातचीत में मौजूद हरमीत सिंह कालका ने कहा कि इतिहास में मोदी जैसा कोई प्रधानमंत्री नहीं था जो सिर्फ सिखों को ही नहीं, बल्कि हर समुदाय को साथ ले। सिरसा ने कहा कि इस समूह में जगत गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पटियाला के कुलपति करमजीत सिंह और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (अमृतसर) के कुलपति जसपाल सिंह संधू भी शामिल थे। भाषा.

अमित प्रशांतप्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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