भुवनेश्नवर, 22 मई (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ (एमएमकेवीवाई) के तहत विधवा महिलाओं को शामिल करने का निर्देश दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह निर्देश बुधवार को यहां आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिया।
उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब, असहाय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बेटियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सामूहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे और नवविवाहितों को उपहार भी दिए जाएंगे।
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना के लिए 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बजट प्रस्तुत करते समय मुख्यमंत्री माझी ने कहा था, ‘बेटी बोझ नहीं, वरदान है। हमें उनके सपनों को साकार करने के लिए उन्हें सम्मान देना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाना चाहिए।’
उन्होंने कहा था, ‘उड़िया परंपरा और रीति-रिवाजों के अनुरूप शादियां आज के समय में काफी खर्चीली हो गई हैं। कई बार गरीब परिवार अपनी बेटियों का विवाह कराने में असमर्थ हो जाते हैं।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसी उद्देश्य से मैं ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ की घोषणा करता हूं। इसके तहत सामूहिक विवाह कराए जाएंगे, जिनका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी और दुल्हन को उपहार भी प्रदान किया जाएगा।’
इससे पहले राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास विभाग और सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से अंतरजातीय विवाहों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही थी।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को शीघ्र प्रक्रिया पूरी कर योजना को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग और स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री माझी ने बुधवार शाम एक अन्य बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना की प्रगति की भी समीक्षा की और संबंधित विभागीय सचिवों को 14 जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी स्थिति का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने जिला कलेक्टरों और विभागीय अधिकारियों से गांवों एवं बस्तियों की पहचान कर रिपोर्ट देने को कहा। यह योजना 14 जिलों के 55 प्रखंडों, 1,751 गांवों/बस्तियों, 289 ग्राम पंचायतों और दो नगर निकाय क्षेत्रों में 68,605 परिवारों और 3,14,514 लोगों को लाभान्वित करती है।
योजना के अंतर्गत आवास निर्माण, पेयजल आपूर्ति, मोबाइल टावर, छात्रावास, बहुउद्देश्यीय केंद्र और सड़कें विकसित करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समग्र विकास उपायों के माध्यम से सुदृढ़ करना है।
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राखी नरेश
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