नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) कोरोना महामारी के दौरान ‘पीएम ईविद्या’ योजना के तहत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के इस्तेमाल की शिक्षा मंत्रालय की पहल को यूनेस्को से भी पहचान मिली है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
पीएम ईविद्या कार्यक्रम मई 2020 में मंत्रालय द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, जो डिजिटल, ऑनलाइन, ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है, ताकि सीखने की प्रक्रिया में ह्रास को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके शिक्षा प्रदान करने के वास्ते बहुविध पहुंच प्रदान की जा सके।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, एनसीईआरटी के एक घटक केंद्रीय शैक्षणिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) को वर्ष 2021 के लिए शिक्षा में आईसीटी के इस्तेमाल के लिए यूनेस्को के किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
बहरीन साम्राज्य के समर्थन से 2005 में स्थापित यह पुरस्कार वैसे व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जाता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण और समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन में बढ़ोतरी के लिए प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी इसके तहत सालाना दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 24 जून को पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के दौरान 25,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और डिप्लोमा प्रदान किया जाता है।
अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सभी के लिए शैक्षणिक अवसरों एवं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा देश में शैक्षणिक प्रणाली में समानता लाने के लिए सस्ती तकनीक का उपयोग करने का अधिकार है।
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सुरेश वैभव
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