लखनऊ, 20 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के चयन के बारे में जानकारी समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित करानी होगी।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बृहस्पतिवार को बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में निर्वाचन आयोग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन करता है तो 48 घण्टे के अन्दर उसे समाचार पत्रों, सोशल मीडिया मंचों एवं पार्टी की वेबसाइट पर प्रसारित करना होगा कि उसने उस प्रत्याशी का चयन क्यों किया है।
उन्होंने बताया कि पार्टियों को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि से प्रचार की अवधि खत्म होने तक कम से कम तीन बार ऐसे उम्मीदवारों के चयन का कारण प्रकाशित-प्रसारित कराना होगा। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की सूचना को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदारी प्रत्याशी एवं राजनीतिक दल दोनों को दी गई है।
शुक्ला ने बताया कि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल एवं भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक प्रथम चरण के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 28 उम्मीदवारों के चयन के सम्बन्ध में सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को दी है। इन पार्टियों ने यह भी बताया है कि उन्होंने इस सूचना का प्रकाशन विभिन्न समाचार पत्रों में करा दिया है। शेष दलों से यह सूचना देने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने एक केवाईसी ऐप विकसित किया है, जिसे एन्ड्रॉएड अथवा आईओएस दोनों प्रकार के फोन द्वारा प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप मेंचुनाव लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों की सूची एवं उनके द्वारा दाखिल किये गये शपथ पत्र उपलब्ध हैं। ऐप में यह भी व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक प्रत्याशी के आपराधिक पृष्ठभूमि होने या न होने को स्पष्ट रूप से ‘हां’ या ‘नहीं’ में अंकित किया गया है।
भाषा सलीम राजकुमार
राजकुमार
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.