नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) इस समय “प्रभावों के संगम” का साक्षी बन रहा है, और ऐसे में सामूहिक प्रबंधन एवं स्थिरता की आवश्यकता समय की सबसे बड़ी मांग है।
एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोलंबो में आयोजित 12वीं ‘गाले डायलॉग इंटरनेशनल मेरीटाइम कॉन्फ्रेंस’ को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर नौसेना का नजरिया व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग, साझेदारी और समन्वय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नौसेना प्रमुख 22 से 25 सितंबर तक श्रीलंका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे।
नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रचुर संसाधन, फलते-फूलते व्यापार, विविध तटीय क्षेत्र, जटिल भूगोल, अनेक अवरोध बिंदु और प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या वाले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र के बारे में बोलते हुए नौसेना प्रमुख ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह क्षेत्र प्रभावों के संगम का साक्षी बन रहा है, और सामूहिक प्रबंधन एवं स्थिरता समय की मांग है।”
नौसेना प्रमुख ने प्रारंभिक चेतावनी और समन्वित प्रतिक्रिया में सुधार के लिए अंतर-संचालनीय प्रणालियों और समावेशी समुद्री क्षेत्र जागरूकता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
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