इंदौर, तीन नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को घोषणा की कि इंदौर के सघन आवासीय और वाणिज्यिक इलाकों से होकर गुजरने वाले एक प्रमुख मार्ग पर मेट्रो रेल परियोजना में बदलाव का प्रस्ताव पारित किया गया है जिसके तहत अब इस रास्ते पर रेल के लिए भूमिगत लाइन बिछाई जाएगी।
शहर में मेट्रो रेल परियोजना का काम 2019 से जारी है, लेकिन सघन आवासीय और वाणिज्यिक इलाकों में परियोजना को लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन इलाकों के लोग परियोजना का यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे आम जन-जीवन बाधित होगा और उन्हें कारोबार में परेशानी होगी।
राज्य के नगरीय विकास और आवास मंत्री विजयवर्गीय ने एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि अब मेट्रो रेल खजराना चौराहे से पलासिया चौराहा होते हुए बड़ा गणपति क्षेत्र तक भूमिगत मार्ग से ही जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हुई, तो मेट्रो रेल लाइन की योजना में बदलाव से जुड़े इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहमति से मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जाएगा।
विजयवर्गीय ने कहा कि इस बदलाव से मेट्रो रेल परियोजना की लागत में वृद्धि होगी और इसके लिए किसी भी मद से अतिरिक्त धनराशि का इंतजाम किया जाएगा।
काबीना मंत्री ने कहा कि शहर में मेट्रो रेल लाइन की त्रुटिपूर्ण योजना से कुछ प्रमुख चौराहों की सुंदरता और सड़क के यातायात पर बुरा असर पड़ा है और ‘‘पिछली गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो रेल के प्राथमिकता गलियारे में गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन क्रमांक-तीन तक करीब छह किलोमीटर लम्बे मार्ग पर पहले चरण के तहत वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती पर 31 मई को मेट्रो के पहले चरण के वाणिज्यिक परिचालन की शुरुआत की थी।
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में कुल 31.32 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है और मूल योजना के मुताबिक इसकी प्रस्तावित लागत 7,500.80 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि 35 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में मेट्रो रेल के पूरे गलियारे पर कुल 28 स्टेशन प्रस्तावित हैं जो स्थानीय लोक परिवहन को आसान, तेज और पर्यावरण के अनुकूल बनाएंगे।
भाषा हर्ष खारी
खारी
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