देहरादून, 10 मई (भाषा) उत्तराखंड राजभवन में शनिवार को एक सर्वधर्म गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के मद्देनजर देश की एकता एवं अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘यह बैठक राष्ट्र के प्रति हमारी साझा जिम्मेदारी की अभिव्यक्ति है।’’
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, ‘‘सभी धर्मों का मूल संदेश एक ही है। अगर हिंदू धर्म सर्वे भवन्तु सुखिनः (सभी सुखी रहें) की शिक्षा देता है, तो सिख धर्म सभी को एकम (एकता) की भावना से देखता है। बुद्ध कहते हैं कि अपना दीपक स्वयं बनो, जबकि जैन धर्म कहता है कि अहिंसा परम धर्म है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम हमें विभाजन न करने की शिक्षा देता है, जबकि ईसाई धर्म कहता है कि जो लोग शांति फैलाते हैं वे ईश्वर की संतान हैं… इस प्रकार, सभी शिक्षाएं हमें एकता, करुणा और शांति का संदेश देती हैं।’’
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकवाद पर कड़ी चोट की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जब भी देश को युद्ध जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा, तो समाज के सभी धर्मों, पंथों, समुदायों और संप्रदायों के लोग एक साथ आए और राष्ट्रीय एकता, भाईचारे एवं शांति का संदेश दिया।
भाषा शफीक माधव
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