scorecardresearch
Friday, 10 May, 2024
होमदेशमुश्किल हालत में भी भारत की आंतरिक सुरक्षा 2020 में कंट्रोल में रही : MHA report

मुश्किल हालत में भी भारत की आंतरिक सुरक्षा 2020 में कंट्रोल में रही : MHA report

एमएचए, जो देशभर में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है, ने हाल ही में प्रकाशित अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2020-2021 में रहस्योद्घाटन किया है.

Text Size:

नई दिल्ली: यहां तक ​​​​कि जब देश को लगभग सभी मोर्चों पर संकट का सामना करना पड़ा, विशेष रूप से स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्रों में, 2020 में COVID-19 महामारी के कारण, गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा  इस विशेष वर्ष में ‘नियंत्रण’ में बनी रही.

एमएचए, जो देशभर में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है, ने हाल ही में प्रकाशित अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2020-2021 में रहस्योद्घाटन किया है.

देश में आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों का विवरण देते हुए, एमएचए ने रिपोर्ट में बताया कि इसे मोटे तौर पर देश के भीतरी इलाकों में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) या कुछ क्षेत्रों में नक्सल या माओवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. (एनई) राज्यों और जम्मू व कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वर्ष 2020 के दौरान देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति नियंत्रण में रही.’

यह देखते हुए कि भारत सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उचित प्राथमिकता दी है, रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंसिपल ‘आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करने, पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार, वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने और आंतरिक इलाके में शांति बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

आतंकवाद का मुकाबला करने में क्षमता निर्माण पर, मंत्रालय ने कहा कि चूंकि राज्य पुलिस बल किसी भी आतंकवादी घटना के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया करते हैं, केंद्र सरकार द्वारा इन राज्य बलों की क्षमता निर्माण, खुफिया संग्रह और आतंकवादी घटनाओं और जांच की प्रतिक्रिया में नियमित प्रशिक्षण के माध्यम से किया जाता है.

रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद में शामिल आतंकवादी संगठनों या व्यक्तियों के नाम क्रमशः गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची में सूचीबद्ध, और दिसंबर 2020 तक क्रमशः आतंकवादी संगठनों और व्यक्तिगत आतंकवादियों के रूप में’ केंद्र सरकार ने ’42 संगठनों और 31 व्यक्तियों’ की घोषणा की है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एमएचए ने ब्रिक्स सदस्य राज्यों और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विदेशी देशों के साथ आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया.

इसने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​देश की सुरक्षा, शांति और सार्वजनिक शांति को प्रभावित करने वाले कट्टरपंथी संगठनों या समूहों की गतिविधियों पर नजर रखती हैं और जहां भी आवश्यक हो कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करती हैं.

आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, रिपोर्ट में कहा गया है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का गठन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम 2008 के तहत एनआईए अधिनियम की अनुसूची में निर्दिष्ट अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए एक विशेष एजेंसी के रूप में किया गया था.

इसमें आगे कहा कि एनआईए आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों सहित आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए केंद्रीय स्तर पर प्रमुख जांच एजेंसी है. ‘एनआईए ने अपनी स्थापना के बाद से, 363 मामले (2020 में 31.12.2020 तक 59 मामले) दर्ज किए हैं, जिनमें से 286 मामलों को चार्ज-शीट किया गया है. 69 मामलों में ट्रायल खत्म किया है, जिनमें से 63 मामलों में परिणाम दोष साबित करने का रहा है.

share & View comments