नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत का शुल्क लगाए जाने की घोषणा के बाद बुधवार को कहा कि अब भारत की विदेश नीति और शासन प्रणाली में व्यापक रूप से बदलाव की जरूरत है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेते हुए अमेरिका के सामने डटकर खड़े होने की जरूरत है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी सितंबर 2019 में अमेरिका गए और ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप भी मौजूद थे, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी परंपराओं को दरकिनार करते हुए खुले मंच से घोषणा की -‘‘अब की बार, ट्रंप सरकार!’’
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया, ‘‘फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में राष्ट्रपति ट्रंप के सम्मान में भव्य ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की मेजबानी की।’’
रमेश ने कहा, ‘‘फरवरी 2025 में इस बात को काफी प्रचारित किया गया कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी उन शुरुआती राष्ट्राध्यक्षों में शामिल रहे जो उनसे मिलने पहुंचे। इससे पहले इस बात पर भी खूब चर्चा हुई थी कि राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री को पहली पंक्ति में जगह मिली थी और डॉ. जयशंकर विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलने वाले पहले नेता थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क और उनके परिवार को भी रिझाने की कोशिश की, तब एलन मस्क राष्ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी माने जा रहे थे। मस्क को रिझाना, दरअसल मोदी की उस रणनीति का हिस्सा था, जिसके जरिए वह राष्ट्रपति ट्रंप को खुश करना चाहते थे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी कथित घनिष्ठता का प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘14 फरवरी 2025 को उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के सामने अपना अलजेब्रा के ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए कहा था- मागा + मीगा = मेगा।’’
रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप 33 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करवाने में हस्तक्षेप किया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी इस पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने कहा, ’18 जून 2025 को जब राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया, तब भी प्रधानमंत्री और उनके करीबी लोगों ने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी। जबकि आसिम मुनीर के भड़काऊ और साम्प्रदायिक जहर से भरे बयानों की पृष्ठभूमि में ही 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में भयानक आतंकी हमला हुआ था।’
रमेश ने कहा कि अब राष्ट्रपति ट्रंप एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के मित्र होने का दावा भी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भारत पर कठोर और अन्यायपूर्ण प्रहार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उनके द्वारा लगाए गए टैरिफ और दंडात्मक कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिनिष्ठ, सुर्खियां बटोरने वाली और ‘झप्पी-कूटनीति’ पर टिकी विदेश नीति पूरी तरह से विफल रही है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत ने 1970 के दशक में अमेरिकी धौंस का डटकर सामना किया था, उस समय श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।’
रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वह उनके योगदान को विकृत करने और उन्हें बदनाम करने की बजाय-यदि वह अपने अहंकार से ऊपर उठें और उनसे प्रेरणा लें कि अमेरिका जैसी ताकत के सामने भी कैसे डटकर खड़ा हुआ जाता है।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विदेश नीति और शासन प्रणाली को अब व्यापक रूप से बदले जाने की जरूरत है।
भाषा हक देवेंद्र
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