नई दिल्ली: देश में मोबाइल डेटा ट्रैफ़िक का इस्तेमाल पिछले पांच वर्षों में 3.2 गुना बढ़ा है, क्योंकि पूरे भारत में डेटा का इस्तेमाल प्रति माह 2018 में 4.5 एक्साबाइट से बढ़कर 2022 में 14.4 एक्साबाइट हो गया है.
नोकिया ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया ट्रैफिक इंडेक्स (एमबीटी) रिपोर्ट में कहा कि एक भारतीय ने 2022 में प्रति माह औसतन 19.5 जीबी डेटा का इस्तेमाल किया.
नोकिया की रिपोर्ट में भारतीय मोबाइल बाजार के विकास के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं, जिसमें मोबाइल डेटा की खपत और विकास, 4जी से 5जी में चल रहे ट्रांजिशन के साथ-साथ निजी नेटवर्क के साथ 5जी के मोबाइल सिस्टम (5जी) को अपनाने की संभावनाएं शामिल हैं.
आगे के निष्कर्ष अक्टूबर 2022 में देश में वाणिज्यिक 5G सेवाओं के लॉन्च के साथ मोबाइल डेटा की खपत में वृद्धि की ओर इशारा करते हैं, क्योंकि संचार सेवा प्रदाता (CSP) 5G नेटवर्क बना रहे हैं और नए क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक में 4जी और 5जी सब्सक्राइबर्स की हिस्सेदारी करीब 100 फीसदी है.
इसके अलावा, 2018 के बाद से प्रति यूजर औसत डेटा खपत में तेजी से इजाफा हुआ है, जो 2022 में प्रति यूजर प्रति माह 19.5 गीगाबाइट (जीबी) तक पहुंच गई है – यह 6,600 गानों के बराबर है. समग्र स्तर पर, 2024 तक भारत में उपभोग किए जाने वाले कुल मोबाइल डेटा के दोगुने से अधिक होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में 70 मिलियन से अधिक 5G डिवाइस भारत में पहुंचने का अनुमान था, जो बाजार में 5G की मजबूती का संकेत देता है.
एमबीआईटी 2023 ने उद्यम निवेश में महत्वपूर्ण तेजी पर प्रकाश डाला है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्यम का 5G नेटवर्क पर खर्च भारत में विनिर्माण, उपयोगिताओं, परिवहन और स्वास्थ्य सेवा सहित विविध उद्योग कार्यक्षेत्रों में नए उपयोग के मामलों में आगे बढ़ेगा. निजी वायरलेस नेटवर्क में भारत का निवेश 2027 तक लगभग 250 मिलियन अमरीकी डालर तक पहुंचने की उम्मीद है.
नोकिया के भारतीय बाजार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख संजय मलिक ने कहा, ‘भारत में 4जी एलटीई (दीर्घकालिक विकास) नेटवर्क की सफलता के आधार पर मोबाइल ब्रॉडबैंड में भारी वृद्धि देखी गई है. हमारा मानना है कि 5जी मोबाइल ब्राडबैंड उपभोक्ता और उद्यम दोनों क्षेत्रों के लिए नए डिजिटल उपयोग के मामलों को सक्षम करके भारत में अगले स्तर तक ब्रॉडबैंड खपत को अगले लेवल पर ले जाएगा.
मलिक ने कहा कि यह जरूरी है कि भारत के ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के लिए इस विकास को एक स्थायी तरीके से मैनेज किया जाए.
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