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Friday, 15 November, 2024
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रेलवे ने चीनी कंपनी के साथ रद्द किया 471 करोड़ का करार, कहा- एलएसी पर तनाव से कोई लेना-देना नहीं

कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के बीच 417 किमी के नए ट्रैक में सिंगनलिंग और टेलीकम्युनिकेशन का काम बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च और डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप लिमिटिड को दिया गया था.

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नई दिल्ली: चीन के साथ तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. भारतीय रेलवे ने गुरुवार को चीनी कंपनी का 471 करोड़ का ठेका रद्द कर दिया है. इंस्टर्न कॉरिडोर पर 417 किमी कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच में यह काम किया जाना था. काम की धीमी गति को वजह बताते हुए रेलवे ने इसे रद्द करने का फैसला लिया है.

भारतीय रेलवे द्वारा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से दानकुनी तक बनाया जा रहा है. इसमें कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के बीच 417 किमी के नए ट्रैक में सिंगनलिंग और टेलीकम्युनिकेशन का काम बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च और डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप लिमिटिड को दिया गया था.

रेलवे के अनुसार, 2016 में चीनी कंपनी को 471 करोड़ का यह कांट्रैक्ट दिया गया था लेकिन कंपनी चार साल में केवल 20 प्रतिशत ही काम पूरा कर सकी. कंपनी ने करार के मुताबिक इस प्राजेक्ट को लेकर लॉजिस्टिक डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग जैसे तकनीकी दस्तावेज नहीं जमा किए थे. वहीं काम के दौरान साइट पर भी कंपनी का कोई भी अफसर और इंजीनियर मौजूद नहीं होता था.


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रेलवे ने आगे कहा, इस काम में देरी होने की पूरी संभावना है क्योंकि कंपनी ने अभी तक किसी भी लोकल एजेंसी के साथ कोई भी करार नहीं किया है. ऐसे में काम की गति धीमी है. वहीं काम को लेकर कंपनी का रेलवे के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल भी ठीक नहीं रहता है. इन विषयों को लेकर कई बार कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई. काम की धीमि गति और अन्य समस्याओं को लेकर उन्हें समय-समय पर बताया गया लेकिन कंपनी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

टेलीकॉम कंंपनियों को चीनी निर्भरता कम करने का निर्देश

इधर, टेलीकॉम मंत्रालय ने भी बीएसएनएल को चीनी कंपनियों की उपयोगिता कम करने के लिए कहा है. मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि चीनी कंपनियों की उपयोगिता को काम किया जाए. निजी कंपनियों को भी हिदायत देते हुए कहा है कि वे भी इस दिशा में नए तरीके से निर्णय लें.

गौरतलब है कि गलवान घाटी में सोमवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. वहीं 18 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद से ही पूरे देश में रोष का माहौल है. इसी के बाद देश में तेजी से चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर मांग उठने लगी है.

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