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Saturday, 21 December, 2024
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वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को ब्रिटेन की रानी का वकील नियुक्त किया गया

रानी के वकील का खिताब उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने वकालत के संचालन में विशेष कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है.

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नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए रानी के वकील (क्यूसी) के रूप में नियुक्त किया गया है. साल्वे का नाम ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी को जारी सिल्क नियुक्तियों (एक खास तरह के सिल्क के गाउन पहनने वाले वकील जो रानी के विशेष वकील होते हैं, उन्हें उनके मेरिट के आधार पर यह नियुक्तियां दी जाती हैं) की सूची में शामिल है.

 बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक साल्वे और अन्य नियुक्तियों को औपचारिक रूप से इस वर्ष 16 मार्च को रानी के वकील के रूप में नियुक्त किया जाएगा.

रानी के वकील का खिताब उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने वकालत के संचालन में विशेष कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है.

हरीश साल्वे ने अपनी वकालत की पढ़ाई (एल.एल.बी.) नागपुर विश्वविद्यालय से की थी और उन्होंने 1980 में जेबी दादाचांदजी एंड कंपनी के साथ अपना करियर शुरू किया. उन्हें 1992 में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.

वह 1999-2002 तक भारत के लिए सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम करते रहे. वह भारत और विदेशों में कई महत्वपूर्ण मामलों में दिखाई दिए हैं.

साल्वे को 2013 में ब्लैकस्टोन चेम्बर्स के लिए बुलाया गया था. पिछले वर्ष जनवरी में व्हाट एंड केस पार्टनर दीपेन सभरवाल क्वीन के काउंसल थे.

उन्होंने कुलभूषण जाधव प्रत्यर्पण मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष भारत का प्रतिनिधित्व किया था. साल्वे की दलील के आगे पूरा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय एक जुट दिखा था 15:1 की औसत से कहा था कि  जाधव मामले में हुआ है वियना कन्वेंशन का उल्लंघन. वह साल्वे की दलीले ही थीं जिसकी वजह से पाकिस्तान में जाधव को कांसुलर एक्सेस दिए जाने के मामले में विजय हासिल की थी. इस जीत के बाद ही तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था साल्वे ने यह जीत एक रुपये में दिलाई है हम जब मिलेंगे तो उन्हें एक रुपया दूंगी. सुषमा के निधन के बाद उनकी पुत्री ने साल्वे को वो एक रुपया दिया था. फिलहाल साल्वे रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के केस से जुड़े हैं और रतन टाटा के वकील हैं.

साल्वे ने पिछले दिनों भारत की आर्थिक मंदी के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया था. साल्वे ने वरिष्ठ वकील इन्दिरा जयसिंह की लीगल न्यूज़ वेवसाइट ‘द लीफ़लेट’ के लिये दिए गए एक इन्टरव्यू में कहा, ‘मैं पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार मानता हूं.’ बातचीत में उन्होंने कहा था कि मंदी की शुरुआत 2012 में ही हो गई थी जब सर्वोच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम केस में टेलिकॉम ऑपरेटरों के 122 स्पेक्ट्रम लाइसेंस कैंसिल कर दिए थे.

 

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