(नीलाभ श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) भारत में यात्री उड़ानों को बम से उड़ाने की सबसे ज्यादा फर्जी धमकियां 2024 में मिलीं। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र को मिलने वाली फर्जी बम धमकियों में पिछले छह साल में रिकॉर्ड 300 गुना की वृद्धि दर्ज की गई। सबसे ज्यादा फर्जी धमकियां सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिये भेजी गईं।
‘पीटीआई-भाषा’ के पास उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय उड़ानों को पिछले साल कुल 1,019 फर्जी बम धमकियां मिलीं, जबकि 2018 से 2023 के बीच ऐसी 330 धमकियां प्राप्त हुई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा 687 फर्जी धमकियां अक्टूबर 2024 में मिलीं। इसमें कहा गया है कि 2024 के जून महीने में ऐसी 96, अप्रैल में 57 और नवंबर में 51 धमकियां प्राप्त हुई थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उड़ानों को बम से उड़ाने की सबसे ज्यादा 611 फर्जी धमकियां ‘एक्स’ के माध्यम से दी गईं। इसमें कहा गया है कि हवाई अड्डा संचालकों, विमानन कंपनियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को ई-मेल पर 281 फर्जी धमकियां प्राप्त हुईं, जबकि 47 धमकियां मौखिक रूप से, 45 फोन कॉल पर, 29 लिखित तौर पर और छह टेक्स्ट संदेश के रूप में जारी की गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत में 600 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के खिलाफ फर्जी धमकियां जारी की गईं, जिससे विमानन कंपनियों को ‘भारी’ नुकसान उठाना पड़ा, यात्रियों का यात्रा कार्यक्रम प्रभावित हुआ, उन्हें असुविधा झेलनी पड़ी तथा ‘बड़े पैमाने पर’ सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था करनी पड़ी।
‘पीटीआई-भाषा’ ने अक्टूबर 2024 में खबर दी थी कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर भेजे जा रहे ऐसे संदेशों के मद्देनजर बम खतरा आकलन समिति (बीटीएसी) को बुलाने की प्रक्रिया में बदलाव किया है।
बीटीएसी विभिन्न एजेंसियों का एक बहु-एजेंसी मंच है, जो किसी हवाईअड्डे या विमानन कंपनी के संबंध में धमकी भरा कॉल मिलने पर बुलाई जाती है।
विमानन सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मिली कुल 1,019 फर्जी बम धमकियों में से एजेंसियों ने 86 फीसदी को अस्पष्ट या अफवाह और आठ प्रतिशत को विशिष्ट या कार्रवाई योग्य करार दिया था, जबकि बाकी छह फीसदी मामलों में बीटीएसी की बैठक नहीं बुलाई गई थी।
हालांकि, बाद में इन सभी धमकियों को फर्जी घोषित कर दिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसियों ने एक “अजीबोगरीब” रुझान देखा कि फर्जी धमकी जारी करने के लिए इस्तेमाल किए गए सोशल मीडिया हैंडल उक्त संदेश प्रसारित करने के कुछ मिनट पहले बनाए गए थे। एजेंसियों ने यह भी पाया कि ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कई विमानन कंपनियों और उड़ानों को टैग करते हुए धमकी जारी की गई थी।
एजेंसियों ने कहा कि ऐसा भारतीय उड्डयन क्षेत्र में “डर और दहशत” पैदा करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, धमकियां जारी करने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल से अराजक तत्वों को अपनी पहचान छिपाने में मदद मिली।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विमानन कंपनियों ने ऐसी हर फर्जी धमकी के कारण उन्हें लगभग तीन करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही है, जिस पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कार्रवाई की गई।
भाषा पारुल माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.