हैदराबाद: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार को कहा कि 2022 तक वायुसेना में 36 राफेल विमान शामिल कर लिये जायेंगे.
फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान प्राप्त करने की समय सीमा के बारे में एक संवाददाता द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राफेल को शामिल करने की योजना पर वायु सेना का लक्ष्य निश्चित है. उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य 2022 है. यह एकदम निश्चित है. मैंने पहले भी इसका उल्लेख किया था. एक या दो विमानों को छोड़कर, कोविड संबंधी कारणों से थोड़ी देर हो सकती है, लेकिन कुछ विमान समय से पहले आ रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए राफेल को शामिल करने की योजना पर हमारा लक्ष्य एकदम तय है. संचालन की योजना पर जैसा कि आप जानते हैं, हम पूरी तरह तैयार हैं, इसलिए समय के संदर्भ में हम एकदम समय पर काम पूरा करेंगे.’
एयर चीफ मार्शल भदौरिया, यहां डुंडीगल में वायु सेना अकादमी की ‘कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड’ का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. वर्ष 2016 में भारत ने फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार, 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदे जाने थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फरवरी में कहा था कि अप्रैल 2022 तक देश में लड़ाकू विमानों की पूरी खेप मौजूद होगी. पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन और भारत के बीच बातचीत जारी है और पहला कदम यह है कि समझौता कर आगे बढ़ा जाए और संघर्ष के बिंदुओं पर पीछे हटने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए.
वायु सेना बेड़े से मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के संबंध में भदौरिया ने कहा कि पुराने विमानों के वर्तमान स्क्वाड्रन को उनके काम करने के आधार पर अगले दो-तीन सालों में हटा दिया जायेगा और उनके स्थान पर ‘हल्के लड़ाकू विमान’ (एलसीए) शामिल किए जाएंगे.
एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘विमानों को शामिल करने की योजना पहले से है…, जैसा कि आप जानते हैं कि एलसीए की चार स्क्वाड्रन के आर्डर दिए गए हैं. उन्हें अगले साढ़े तीन सालों में शामिल किया जाएगा.’
इससे पहले ‘कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड’ को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायु सेना हर पहलू में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और युद्ध शक्ति के साथ एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रही है.
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