नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए मीरवाइज उमर फारुक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. इसके अलावा इन्हें मिल रहीं सारी सरकारी सुविधाएं छीन ली गई हैं. मीरवाइज उमर फारुक हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष हैं. अन्य अलगाववादी जिनकी सुरक्षा हटाई गयी वो हैं, अब्दुल गनी बट्ट, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, शब्बीर शाह. पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 सीआरपीएफ के जवान मारे गए थे. भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि आंतकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.
J&K Govt: We are issuing orders withdrawing all security & any govt facilities provided to separatist leaders-Mirwaiz Umar Farooq, Abdul Ghani Bhat, Bilal Lone, Hashim Qureshi & Shabir Shah. All security & any vehicles provided to them will stand withdrawn by today evening.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
सूत्रों के मुताबित पुलिस इन पांच अलगाववादी नेताओं के अलावा उन सभी अलगाववादियों की समीक्षा करेगी जिन्हें सरकारी सुरक्षा प्रदान की गई है. अगर समीक्षा में किसी और अलगाववादी नेता का नाम आता है तो उससे भी सुरक्षा हटा ली जाएगी.
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं समेत अलगाववादियों का इशारों-इशारों में जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान और आइएसआइ से फंडिग पा रहे लोगों को दी गई सुरक्षा पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. इसके बाद ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने संदिग्ध अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा की समीक्षा की. जिसमें पाकिस्तान और उसकी खुफिया एंजेसी के साथ संपर्क करने वाले शामिल हैं.
HM Rajnath Singh in Srinagar: There are some elements who are hand in glove with terror organisations, terror forces & ISI across the border. They are involved in terror conspiracies too. They are toying with the future of the people, especially the youth, of J&K. #PulwamaAttack pic.twitter.com/wyq6BUM2X0
— ANI (@ANI) February 15, 2019
राजनाथ सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में ऐसे कुछ तत्व हैं जो आइएसआइ और आतंकवादी संगठनों से जुड़कर देश और राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहे हैं. लेकिन सरकार उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी. उन्होंने ये आश्वासन दिलाया था कि आतंकवाद से हमारी लड़ाई अंतिम दौर में है और हम इसमें सफल होंगे.