नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) भारत ने डिएगो गार्सिया सहित चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के ब्रिटेन के ऐतिहासिक फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया।
ब्रिटेन ने हिंद महासागर में स्थित और लंबे समय से विवादित चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपे जाने के ‘ऐतिहासिक’ समझौते का बृहस्पतिवार को ऐलान किया।
ब्रिटेन ने कहा कि मॉरीशस के साथ किया गया समझौता वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और हिंद महासागर तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व समृद्धि के लिए खतरों को टालने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डिएगो गार्सिया अमेरिका का एक प्रमुख सैन्य अड्डा है क्योंकि यहां उसके युद्धपोत और लंबी दूरी तक हमला करने वाले बमवर्षक विमान मौजूद हैं।
भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुए इस समझौते में नयी दिल्ली ने पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत सरकार ने ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुए समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण समझौता मॉरीशस के वि-उपनिवेशीकरण को पूरा करता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम डिएगो गार्सिया सहित चागोस द्वीपसमूह की संप्रुभता मॉरीशस को सौंपे जाने के लिए ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं।’’
भाषा
प्रीति अविनाश
अविनाश
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