नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाओं के बीच एक संयुक्त अभ्यास बुधवार को पुणे में शुरू हुआ जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना और एक निश्चित क्षेत्र पर कब्जा करने से संबंधित आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डस्टलिक’ का छठा संस्करण 16-28 अप्रैल तक महाराष्ट्र के पुणे में विदेशी प्रशिक्षण नोड, औंध में आयोजित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि 60 सैन्यकर्मियों की भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व जाट रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना की एक बटालियन कर रही है। उज्बेकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सैन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।
भारत और उज्बेकिस्तान बारी-बारी से संयुक्त अभ्यास डस्टलिक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। पिछला संस्करण अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ जिले में आयोजित किया गया था।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ‘‘इस वर्ष अभ्यास का विषय अर्ध-शहरी परिदृश्य में संयुक्त रूप से अनेक मोर्चों पर अभियान है। यह एक निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने वाली आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देने पर केंद्रित रहेगा।’’
इसमें कहा गया, ‘‘अभ्यास में निरंतर संयुक्त अभियानों के लिए बटालियन स्तर पर एक संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना, छापे, खोज-और-नष्ट करने वाले अभियानों जैसे आतंकवाद विरोधी मिशन को पूरा किया जाना और आतंकवादियों से निपटने के लिए वायुसेना की मदद सहित गोलाबारी का उपयोग भी शामिल होगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास के दौरान सेना और वायुसेना के विशेष बल एक हेलीपैड को सुरक्षित करेंगे, जिसका उपयोग आगे की कार्रवाइयों के लिए आधार के रूप में किया जाएगा।
भाषा धीरज वैभव
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