नई दिल्ली: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को यहां अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष जलवायु मामलों के दूत जॉन कैरी के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सिंह ने उनके साथ जलवायु परिवर्तन तथा ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
भारत और अमेरिका ने सोमवार को भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत ‘जलवायु कार्य योजना और वित्त संग्रहण वार्ता (सीएएफएमडी) शुरू की.
बैठक के दौरान सिंह और कैरी ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की. बाद में, कैरी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने सिंह और उनके शीर्ष अधिकारियों के साथ उन विषयों पर विचार-विमर्श किया.
सीएएफएमडी अमेरिकी-भारत एजेंडा 2030 साझेदारी के दो मुख्य पहलों में से एक है. इसकी घोषणा राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2021 में जलवायु पर शिखर सम्मेलन के दौरान की थी.
कैरी अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्रियों और अन्य शीर्ष अधिकारियों के अलावा वैश्विक स्तर पर जलवायु से जुड़े लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ने को गति देने के प्रयासों पर चर्चा के लिए उद्योगपतियों से भी मिलेंगे.
बैठक में बिजली सचिव आलोक कुमार और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
अमेरिकी पक्ष ने ऊर्जा पहुंच अभियान और 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन हासिल करने की प्रतिबद्धता के लिए भारत की सराहना की. उन्होंने 18 महीनों में 28.02 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाने तथा सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल करने को लेकर प्रशंसा की.
बैठक के दौरान सिंह ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को स्वच्छ ऊर्जा की की ओर बढ़ने के भारत के इरादे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती ‘भंडारण’ है. लोगों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए इस मामले के तुरंत समाधान की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के लिए बोलियां मंगाने की योजना है. उन्होंने अमेरिकी पक्ष से अपनी कंपनियों को बोलियों में भाग लेने के लिए भेजने का अनुरोध किया.
मंत्री ने लद्दाख में हरित हाइड्रोजन और हरित ऊर्जा गलियारा पर भारत की आगामी परियोजनाओं की भी जानकारी दी.
कैरी ने कहा कि अमेरिका 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत के साथ एक वास्तविक सहयोग के लिए तैयार है.
बैठक के दौरान सिंह ने दुनिया भर में 80 करोड़ से अधिक लोगों तक बिजली नहीं पहुंचने को लेकर चिंता जतायी. उन्होंने अमेरिकी पक्ष से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया जिससे कई देशों को लाभ हो सकता है.
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