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Sunday, 22 December, 2024
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भारत की बेरोजगारी दर अप्रैल में बढ़कर हुई 7.83% : CMIE

मुंबई आधारित इकोनॉमिक डेटाबेस कंपनी ने कहा कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर (34.5 प्रतिशत) हरियाणा में है, जिसके बाद राजस्थान में 28.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है.

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नई दिल्ली: भारत में अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 प्रतिशत हो गई है जो कि मार्च में 7.60 प्रतिशत थी. स्वतंत्र थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से ये जानकारी मिली है.

मुंबई आधारित इकोनॉमिक डेटाबेस कंपनी ने कहा कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर (34.5 प्रतिशत) हरियाणा में है, जिसके बाद राजस्थान में 28.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है.

शहरी बेरोजगारी दर भी अप्रैल में मार्च के 8.28 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 9.22 प्रतिशत हो गई है. वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर में थोड़ी कमी आई है जो कि मार्च के 7.29 प्रतिशत के मुकाबले 7.18 प्रतिशत दर्ज की गई है.

इस रिसर्च कंपनी को फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स और नीति निर्धारक देखते हैं. पिछले हफ्ते कहा गया था कि भारत की विकास की गति अगर 6-8% रहती है तो इस अर्थव्यवस्था के तहत रोजगार पैदा कर पाना मुश्किल होगा और सरकार को लेबर मार्केट के संकट को दूर करने के लिए हस्तक्षेप करना होगा.

सीएमआईई के मैनेजिंग डॉयरेक्टर महेश व्यास ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन से कहा, ‘मैं मानता हूं कि अच्छी नौकरी पैदा करने में सरकार विफल रही है.’ उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा न होने के कारण लोग लगातार लेबर मार्केट से निकल रहे हैं. हमें इसे संकट के संकेत के तौर पर देखते हैं. लोगों ने नौकरी की तलाश छोड़ दी है और साथ ही लेबर मार्केट से भी निकल रहे हैं.’

सीएमआई के अनुसार भारत में नौकरी करने वाली वैध उम्र के 900 मिलियन लोग, जो कि अमेरिका और रूस की कुल आबादी के बराबार हैं- नौकरी नहीं चाहते हैं. 2017 और 2022 के बीच लेबर पार्टिसिपेशन रेट 46% से गिरकर 40% हो गई.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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