नई दिल्ली: भारत ने आज ब्रिटेन में बैठे खालिस्तान समर्थक की आजादी और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज की. भारत ने कहा कि ब्रिटेन में बैठे खालिस्तान समर्थक तत्व भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, इसलिए उनपर लगाम लगाना जरूरी है. साथ ही भारत ने ब्रिटेन के साथ बेहतर सहयोग और यूके स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उचित सक्रिय कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया.
नई दिल्ली में आयोजित 5वें भारत-यूके होम अफेयर्स की बैठक के दौरान भारत ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा सेंध लगाने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की.
इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला कर रहे थे, जबकि ब्रिटेन की ओर से वहां के गृह कार्यालय के स्थायी सचिव सर मैथ्यू रीक्रॉफ्ट नेतृत्व कर रहे थे. इस बैठक में दोनों देश के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
कई मुद्दों पर बातचीत
5वें भारत-यूके होम अफेयर्स की बैठक के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के सहयोग की समीक्षा भी की. साथ ही आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, मादक पदार्थों की तस्करी, प्रवासन, प्रत्यर्पण और ब्रिटेन में भारत विरोधी गतिविधि को कम करने पर बातचीत हुई. इसके अलावा भारत ने खालिस्तान संबंधित उग्रवाद का मुद्दा मजबूती के साथ उठाया.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा उल्लंघन पर भारत ने ब्रिटिश अधिकारियों के सामने आपत्ति जताई. साथ ही यूके में जो खालिस्तान समर्थक रह रहे हैं उनकी निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया गया.
गृह मंत्रालय ने कहा कि बैठक में दोनों पक्ष बातचीत के बाद सभी मुद्दों पर सहमति व्यक्त की. दोनों देशों के अधिकारियों ने संबंधों को और गहरा करने तथा दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई.
बता दें कि विदेश मंत्रालय (MEA) ने पिछले महीने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा लंदन में उच्चायोग में भारतीय ध्वज उतारने के बाद ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त को तलब किया था. खालिस्तान समर्थक समूह सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे.
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