नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान शुक्रवार (18 फरवरी) को डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक करेंगे जिसमें दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) होने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ इस बैठक में दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा के साथ ही साझा हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।’’
समझा जाता है कि इस बैठक में दोनों नेता (मोदी और नाहयान) दोनों देशों के ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण संबंधों के बारे में अपनी दृष्टि पेश करेंगे ।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहल समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) है । सीईपीए के लिये बातचीत सितंबर 2021 में शुरू हुई थी और यह पूरी हो गई है।
मंत्रालय के अनुसार, यह समझौता भारत-यूएई आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को अगले स्तर पर ले जायेगा ।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शिखर बैठक के दौरान भारत और यूएई द्वारा सीईपीए पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच डिजिटल माध्यम से शुक्रवार (18 फरवरी) को शिखर बैठक होगी ।
मंत्रालय के अनुसार, यह शिखर बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है।
बयान में कहा गया है कि हाल के वर्षो में भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय संबंध सभी क्षेत्रों में मजबूत हुए हैं और दोनों पक्षों ने समग्र सामरिक गठजोड़ किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015, 2018 और 2019 में यूएई की यात्रा की थी जबकि अबू धाबी के युवराज (क्राउन प्रिंस) वर्ष 2016 और 2017 में भारत आए थे ।
दोनों पक्षों के बीच मंत्री स्तरीय यात्राएं भी हुई जिसमें विदेश मंत्री स्तर की तीन यात्राएं और वर्ष 2021 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की यूएई यात्रा शामिल है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य सेवा एवं खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करीबी सहयोग किया था । दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार, निवेश एवं ऊर्जा संबंध मजबूत बने हुए हैं तथा नवीकरणीय ऊर्जा, स्टार्टअप, फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में भी सहयोग मजबूत हो रहा है।
यूएई, भारत का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और द्विपक्षीय कारोबार एवं निवेश में काफी वृद्धि होने की संभावना है । यूएई में भारतीय समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी के दौरान भारतीयों को सहयोग देने के लिये यूएई नेतृत्व की सराहना की थी ।
भाषा दीपक दीपक पवनेश
पवनेश
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