नई दिल्ली: ‘भारत पर परमाणु बम गिराए जाने की संभावना’, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका से लड़ेंगे भारत और रूस’, ‘आखिरकार भारत भी युद्ध में शामिल हो गया, 15,000 अमेरिकी सैनिकों को मार डाला गया’, ‘यूक्रेन युद्ध की वजह से हुआ भारत बंद’, ‘विश्व युद्ध का ऐलान.’
ये कुछ ऐसी सुर्खियां थीं, जिनकी वजह से सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 यूट्यूब चैनल्स को ब्लॉक कर दिया.
अपने एक बयान में मंत्रालय ने खुलासा किया कि इसमें 18 चैनल भारत में स्थित थे, जबकि चार – दुनिया मेरी आगे (4,28,000 सब्सक्राइबर्स, 11,29,96,047 टोटल व्यूज), गुलाम नबी मदनी (37,90,109 टोटल व्यूज), हकीकत टीवी (40,90,000 सब्सक्राइबर्स, 1,46,84,10,797 टोटल व्यूज), हकीकत टीवी 2.0 (3,03,000 सब्सक्राइबर्स, 37,542,059 टोटल व्यूज) – पाकिस्तान में स्थित थे.
सोमवार को ब्लॉक किए गए सभी भारतीय चैनल हिंदी में थे. एक सनसनीखेज ग्राफिक में यहां तक दावा किया गया था कि भारत को ‘नाटो द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा.’ अधिकांश ग्राफिक्स में युद्ध के चित्र शामिल थे जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तस्वीरें इस्तेमाल की गयी थीं.
हालांकि, इस मंत्रालय ने पहले भी सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया है, लेकिन जो बात इस मामले को अलग बनाती है वह यह है कि यह पहली बार हुआ है जब उसने भारतीय यूट्यूब चैनलों को भी ब्लॉक किया है.
अब तक ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनलों की कुल संख्या 78 है – मंत्रालय ने दिसंबर में 20 और जनवरी में 35 अन्य पर प्रतिबंध लगा दिया था. दोनों बार इसने सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया था.
मंगलवार को संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इस बार हमने भारतीय समाचार चैनलों को भी ब्लॉक कर दिया है. अतीत में हमने पाकिस्तान से संचालित होने वाले 56 चैनलों को ब्लॉक कर दिया था और हम भविष्य में भी इस तरह के फैसले लेने से नहीं हिचकिचाएंगे.’
भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार, देश विरोधी एजेंडे को चलाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
22 यूट्यूब चैनल जिनमें से 4 पाकिस्तान से संचालित थे समेत 3 ट्विटर अकाउंट, एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को ब्लॉक करने का निर्णय देशहित में है।
राष्ट्र सर्वोपरि। pic.twitter.com/Og8C2yeGtw
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) April 5, 2022
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‘पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसे राफेल, रूस में हवाई हमले’
उदाहरण के तौर पर, प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वाले एक ग्राफिक में कहा गया है, ‘भारतीय राफेल विमान पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसे, 10 मिनट में 750 बम गिराए’. मोदी की तस्वीर के साथ एक ग्राफ़िक में लिखा गया है, ‘भारत ने रूस में हवाई हमका लिया; कई जगहों को नष्ट किया.’
मंत्रालय के बयान के अनुसार, कुल मिलाकर इन चैनलों के दर्शकों की संख्या 260 करोड़ के करीब थी. सबसे अधिक नकली समाचारों के साथ एआरपी न्यूज़ (4,40,68,652 टोटल व्यूज) इस सूची में सबसे आगे था, इसके बाद किसानतक (36,54,327 टोटल व्यूज) का स्थान है.
बयान में कहा गया है, ‘ब्लॉक किये गए भारतीय यूट्यूब चैनल कुछ टीवी न्यूज़ चैनलों के टेम्प्लेट और लोगो का उपयोग कर रहे थे, जिसमें उनके न्यूज़ एंकरों (समाचार प्रस्तुत करने वाले) की तस्वीरें भी शामिल थीं, ताकि दर्शकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि ये समाचार प्रामाणिक हैं.’
मंत्रालय ने कहा कि नकली ‘थंबनेल’ (चित्रों या वीडियो का छोटे आकार वाला स्वरूप) का इस्तेमाल किया गया और इनमें परोसी गई सामग्री को वायरल करने में मदद के मकसद से इनके शीर्षक और थंबनेल को बार-बार बदला गया. फेक न्यूज (झूठी ख़बरों) की निगरानी या तो मंत्रालय के भीतर के नोडल अधिकारियों द्वारा या फिर खुफिया एजेंसियों के माध्यम से की जाती है.
अपना नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करने वाले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसने सोमवार शाम को यूट्यूब से इन चैनलों को बंद करने के लिए कहा था. मंगलवार सुबह तक ये सभी चैनल बंद कर दिए गए थे.
इस अधिकारी ने कहा, ‘खुफिया एजेंसियां समाचारों के राष्ट्रीय सुरक्षा वाले पहलू की निगरानी करती हैं, लेकिन इसका स्थायी समाधान निकाले जाने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘यह कार्रवाई 10 घंटे के भीतर की गई थी. हम तेजी से अपने आप को ढाल रहे हैं, लेकिन हम समाचार संगठनों से स्व-विनियमन (सेल्फ-रेगुलेशन) की भी अपेक्षा करते हैं. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कुछ समय में कोई दूसरा अकाउंट सामने न आ जाये. इस तरह तो यह एक अंतहीन पीछा करने जैसा सकता है.’
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