नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) भारत और श्रीलंका के संयुक्त सैन्य अभ्यास का नौवां संस्करण बृहस्पतिवार को पुणे में शुरू हुआ। इस अभ्यास के दौरान सैनिकों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति-2023’ 16 से 29 नवंबर तक पुणे के औंध में आयोजित किया जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के 120 सैनिकों द्वारा किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है, ‘‘श्रीलंकाई पक्ष का प्रतिनिधित्व 53 इन्फैंट्री डिवीजन के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के 15 सैनिक और श्रीलंकाई वायु सेना के पांच सैनिक भी अभ्यास में भाग ले रहे हैं।’’
बयान के अनुसार अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय सात के तहत उप पारंपरिक संचालन का संयुक्त रूप से पूर्वाभ्यास करना है।
इसमें कहा गया है, ‘‘अभ्यास के दायरे में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान संयुक्त प्रतिक्रियाओं का समन्वय करना शामिल है। दोनों पक्ष छापेमारी, खोज और मिशन को नष्ट करने, हेलिबोर्न ऑपरेशन आदि जैसी सामरिक कार्रवाइयों का अभ्यास करेंगे। इसके अलावा, ‘आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन’ (एएमएआर), ‘कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग’ और योग भी अभ्यास का हिस्सा हैं।’’
बयान में कहा गया है कि सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ – 2023 में हेलीकॉप्टर के अलावा ड्रोन और मानव रहित हवाई रोधी प्रणालियों का इस्तेमाल भी शामिल होगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हेलीपैड को सुरक्षित करने और हताहतों को निकालने का भी दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त रूप से अभ्यास किया जाएगा। दोनों पक्ष सामूहिक शांति स्थापना अभियानों के दौरान संयुक्त राष्ट्र के हितों और एजेंडे को सबसे आगे रखते हुए सैनिकों के बीच अंतरसंचालनीयता के उन्नत स्तर को प्राप्त करने और जीवन तथा संपत्ति के जोखिम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’’
अधिकारियों ने बताया कि सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने से भारतीय सेना और श्रीलंकाई सेना के बीच रक्षा सहयोग का स्तर और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास से दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा।
भाषा देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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