नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) भारत ने शुक्रवार का कहा कि तीर्थ स्थलों की यात्रा को लेकर 1974 के प्रोटोकाल के तहत धार्मिक स्थलों के बारे में सहमति के आधार पर तैयार की गई सूची एवं यात्रा के तौर तरीकों का विस्तार करना भारतीय और पाकिस्तानी पक्षों के हित में है तथा इस मामलों में उसका सकारात्मक रुख है। उसने कहा कि वह इस मामले में पाकिस्तान से संवाद को इच्छुक है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में यह बात कही ।
उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक प्रमुख हिन्दू सांसद ने भारत से इस संबंध में आग्रह किया था। उन्होंने कहा था दोनों पड़ोसी देशों की आस्था आधरित पर्यटन पहल के तहत भारत उनके देश के तीर्थ यात्रियों के शिष्टमंडल को वीजा जारी करे ।
पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल के मुख्य संरक्षक एवं नेशनल असेम्बली के सदस्य डा. रमेश कुमार वंकवानी ने कहा था कि वह पाकिस्तान एयरलाइन्स इंटरनेशनल की एक विशेष चार्टर्ड उड़ान से 29 जनवरी को पाकिस्तानी तीर्थ यात्रियों के एक शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे ।
इस बारे में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 के प्रोटोकाल के तहत धर्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा को नियमित रूप से आगे बढ़ाया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के बारे में सहमति के आधार पर तैयार की गई सूची एवं यात्रा के तौर तरीकों का विस्तार करना दोनों पक्षों के हित में है।
उन्होंने कहा कि इसके बारे में स्वभाविक तौर पर चर्चा करने की जरूरत है।
बागची ने कहा कि इस मामले में भारत का रुख सकारात्मक है और पाकिस्तानी पक्ष के साथ संवाद को इच्छुक है ।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवाजाही और भीड़ एकत्र करने को लेकर प्रतिबंधों के बारे में आपको पता है ।’’
प्रवक्ता ने कहा कि जैसे स्थिति सामान्य होगी, हम उम्मीद करते हैं कि द्विपक्षीय प्रोटोकाल के तहत इस समय का उपयोग बातचीत के लिए कर सकते हैं ।
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दीपक माधव
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