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Tuesday, 5 November, 2024
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भारत ने पेरासिटामोल और मलेरिया की दवा की खेप श्रीलंका भेजी, राजपक्षे ने मोदी को दिया धन्यवाद

भारत ने कोविड-19 संक्रमित लोगों के इलाज में प्रभावी मानी जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा से मंगलवार को आंशिक रूप से निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया है.

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नई दिल्ली: भारत ने कोविड-19 संकट के मद्देनजर 24 घंटे से भी कम समय में मलेरिया की दवा से आंशिक रूप से हटाए गए निर्यात के प्रतिबंध के बाद आवश्यक जीवन-रक्षक दवाओं की 10-टन की खेप, जिसमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) और पेरासिटामोल शामिल हैं को श्रीलंका भेजा है.

सूत्रों के मुताबिक, खेप को मंगलवार को एयर इंडिया की विशेष चार्टर विमान से कोलंबो भेजा गया. इसे सार्क फ्रेमवर्क के तहत दान के रूप में भेजा गया है. हालांकि, यह फैसला प्रतिबंध हटाने से पहले किया गया था.

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आफत में भारत की यह श्रीलंका के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की एक और अभिव्यक्ति है. अपनी घरेलू चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद, भारत ने हमेशा अपने संसाधनों और विशेषज्ञता को अपने दोस्तों और भागीदारों के साथ साझा करने में विश्वास किया है.’

दिल्ली हवाईअड्डे से पिछले 14 दिनों में चली 50 से अधिक बचाव/राहत की उड़ानें

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पिछले 14 दिन में 50 से अधिक बचाव उड़ानों का संचालन किया गया. यह उड़ानें देश में फंसे विदेशी नागरिकों को उनके देश पहुंचाने के लिए संचालित की गयी.

हालांकि कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लागू लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) की वजह से सामन्य उड़ानों पर प्रतिबंध लगा है.

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी. डायल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और जीएमआर समूह का संयुक्त उपक्रम है.

डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे पर सभी तरह के यात्री विमानों का वाणिज्यिक परिचालन बंद है पर हवाईअड्डा 24 घंटे खुला है.

डायल ने कहा कि पिछले 14 दिन में हवाईअड्डे से मालवाहक विमानों और बचाव कार्य में लगे विमानों का परिचालन होता रहा है. इस दौरान जापान, नॉर्वे, जर्मनी, अफगानिस्तान, पोलैंड, रूस और फ्रांस के नागरिकों को उनके देश पहुंचाने के लिए यात्री उड़ानों का भी संचालन किया गया.

बयान के मुताबिक, ‘पिछले 14 दिनों में विभिन्न देशों की ओर से उनके नागरिकों को यहां से निकालने के लिए 56 बचाव उड़ानें हुई और उनसे 10,600 से अधिक विदेशी नागरिकों को उनके देश रवाना किया गया.’

(दिप्रिंट की नयनिमा बासु के इनपुट्स के साथ)

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