scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशभारत ने 13 अफ्रीकी देशों की मदद करते हुए कोविड-19 महामारी के बीच दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेजे

भारत ने 13 अफ्रीकी देशों की मदद करते हुए कोविड-19 महामारी के बीच दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेजे

भारत कोरोनावायरस महामारी से पहले भी दवाइयों का प्रमुख निर्यातक देश रहा है. ऐसे में दवाइयां और मेडिकल उपकरण मानवीय आधार पर भेजे जा रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए अफ्रीका के 13 देशों को जरूरी दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेजने का फैसला किया है. भारत ने मानवीय आधार पर अफ्रीका के देशों को इस महामारी में मदद करने का फैसला किया है. दिप्रिंट को इस बात की जानकारी मिली है.

विदेश मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स एंड इंवेस्ट इंडिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बीते शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि सरकार अफ्रीका के कुछ गरीब देशों को मेडिकल उपकरण भेजेगी.

17 चीजें जिसमें जरूरी दवाइयां, इंजेक्शन और मेडिकल उपकरण शामिल हैं, इनकी सूची बनाई गई है और इसे इन देशों को भेजा जाएगा. इसमें 500 यूनिट थर्मामीटर, एक लाख यूनिट क्लोरोक्वीन, पारासिटामोल, इबूप्रूफेन और दो लाख यूनिट एंटिबायोटेक एजिथ्रोमाइसिन भी शामिल है.

इसके अलावा कुछ एंटिबायोटिक्स, एंटी-डायाबिटीक, एंटी-कैंसर, एंटी-अस्थमेटिक और कार्डियोवसकुलर दवाइयां, इंजेक्शन भी भेजी जांएगी.

मेडिकल सामग्रियों की खेप

भारत कोरोनावायरस महामारी से पहले भी दवाइयों का प्रमुख निर्यातक देश रहा है. ऐसे में दवाइयां और मेडिकल उपकरण मानवीय आधार पर भेजे जा रहे हैं.

बैठक में शामिल एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘पिछले महीने हमने दोस्ताना तौर पर दुनिया भर में करोड़ो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पारासिटामोल दवाइयां भेजीं. हम दुनिया भर में फार्मेसी के लिए जाने जाते हैं और ये हमारा कर्तव्य है. हम घरेलू मांग को देखते हुए दुनिया भर में मेडिकल साम्रगी भेजते रहेंगे.’

मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर, जांबिया, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र और कोमोरोस जा रही है.


यह भी पढ़ें: राहुल ने रघुराम राजन का जैसा इंटरव्यू किया वैसा कुछ और करें तो बेहतर होगा


पारासिटामोल की खेप जाम्बिया, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र, इस्वतिनी, चाड, कांगो गणराज्य, सेनेगल, सिएरा लियोन और जिम्बाब्वे के लिए जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ शिपमेंट्स पहले ही भेजे जा चुके हैं.

अफ्रीका पर विशेष ध्यान

पिछले महीने, अफ्रीका-फोकस कार्य दिवस’ के मद्देनज़र, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नाइजीरिया, नाइजर, बुर्किना फासो, युगांडा और माली सहित कुछ अफ्रीकी देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की एक श्रृंखला आयोजित की थी.

मंत्री ने उनकी वार्ता के बाद ट्वीट किया था, ‘बुर्किना फ़ासो, कोमोरोस, युगांडा और माली के विदेश मंत्रियों के साथ उपयोगी बातचीत. समकालीन चुनौतियों के बीच ऐतिहासिक एकजुटता का प्रदर्शन.’

जयशंकर ने भारत द्वारा मदद का आश्वासन देते हुए ट्वीट किया, नाइजीरिया के एफएम @GeoffreyOnyeama के साथ अच्छी बातचीत. कोरोनावायरस सहयोग पर चर्चा की, भारत प्रमुख दवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. कॉमनवेल्थ पर विचारों का आदान-प्रदान किया.’

अफ्रीकी नेताओं के साथ बातचीत में जयशंकर ने माली के साथ अपनी एक बातचीत में साहेल क्षेत्र के साथ देश के बढ़ते सहयोग पर भी प्रकाश डाला.


यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी की मजदूरों को सौगात- कांग्रेस उठाएगी मजदूरों के घर लौटने के टिकट का खर्च


भारत इस साल सितंबर में भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण की मेजबानी करने वाला है. यह योजना नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही तैयार की गई थी. आखिरी शिखर सम्मेलन 2015 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें सभी 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments