नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए अफ्रीका के 13 देशों को जरूरी दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेजने का फैसला किया है. भारत ने मानवीय आधार पर अफ्रीका के देशों को इस महामारी में मदद करने का फैसला किया है. दिप्रिंट को इस बात की जानकारी मिली है.
विदेश मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स एंड इंवेस्ट इंडिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बीते शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि सरकार अफ्रीका के कुछ गरीब देशों को मेडिकल उपकरण भेजेगी.
17 चीजें जिसमें जरूरी दवाइयां, इंजेक्शन और मेडिकल उपकरण शामिल हैं, इनकी सूची बनाई गई है और इसे इन देशों को भेजा जाएगा. इसमें 500 यूनिट थर्मामीटर, एक लाख यूनिट क्लोरोक्वीन, पारासिटामोल, इबूप्रूफेन और दो लाख यूनिट एंटिबायोटेक एजिथ्रोमाइसिन भी शामिल है.
इसके अलावा कुछ एंटिबायोटिक्स, एंटी-डायाबिटीक, एंटी-कैंसर, एंटी-अस्थमेटिक और कार्डियोवसकुलर दवाइयां, इंजेक्शन भी भेजी जांएगी.
मेडिकल सामग्रियों की खेप
भारत कोरोनावायरस महामारी से पहले भी दवाइयों का प्रमुख निर्यातक देश रहा है. ऐसे में दवाइयां और मेडिकल उपकरण मानवीय आधार पर भेजे जा रहे हैं.
बैठक में शामिल एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘पिछले महीने हमने दोस्ताना तौर पर दुनिया भर में करोड़ो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पारासिटामोल दवाइयां भेजीं. हम दुनिया भर में फार्मेसी के लिए जाने जाते हैं और ये हमारा कर्तव्य है. हम घरेलू मांग को देखते हुए दुनिया भर में मेडिकल साम्रगी भेजते रहेंगे.’
मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर, जांबिया, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र और कोमोरोस जा रही है.
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पारासिटामोल की खेप जाम्बिया, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र, इस्वतिनी, चाड, कांगो गणराज्य, सेनेगल, सिएरा लियोन और जिम्बाब्वे के लिए जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ शिपमेंट्स पहले ही भेजे जा चुके हैं.
अफ्रीका पर विशेष ध्यान
पिछले महीने, अफ्रीका-फोकस कार्य दिवस’ के मद्देनज़र, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नाइजीरिया, नाइजर, बुर्किना फासो, युगांडा और माली सहित कुछ अफ्रीकी देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की एक श्रृंखला आयोजित की थी.
मंत्री ने उनकी वार्ता के बाद ट्वीट किया था, ‘बुर्किना फ़ासो, कोमोरोस, युगांडा और माली के विदेश मंत्रियों के साथ उपयोगी बातचीत. समकालीन चुनौतियों के बीच ऐतिहासिक एकजुटता का प्रदर्शन.’
An Africa-focus working day.
Useful conversations with Foreign Ministers of Burkina Faso, Comoros, Uganda and Mali.
Historical solidarity on display in the midst of contemporary challenges.— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 25, 2020
जयशंकर ने भारत द्वारा मदद का आश्वासन देते हुए ट्वीट किया, नाइजीरिया के एफएम @GeoffreyOnyeama के साथ अच्छी बातचीत. कोरोनावायरस सहयोग पर चर्चा की, भारत प्रमुख दवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. कॉमनवेल्थ पर विचारों का आदान-प्रदान किया.’
Good conversation with FM @GeoffreyOnyeama of #Nigeria. Discussed our #coronavirus cooperation; India is committed to provide key medicines. Thanked him for the welfare of the Indian community. Exchanged views on the Commonwealth.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 24, 2020
अफ्रीकी नेताओं के साथ बातचीत में जयशंकर ने माली के साथ अपनी एक बातचीत में साहेल क्षेत्र के साथ देश के बढ़ते सहयोग पर भी प्रकाश डाला.
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भारत इस साल सितंबर में भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण की मेजबानी करने वाला है. यह योजना नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही तैयार की गई थी. आखिरी शिखर सम्मेलन 2015 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें सभी 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया था.
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