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गुरूवार, 29 मई, 2025
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भारत-पाक संघर्ष रोकने के लिए व्यापार की पेशकश के अमेरिका के दावे को भारत ने किया खारिज

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नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ उसके सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच बातचीत में व्यापार का मुद्दा बिल्कुल भी नहीं उठा।

इस तरह भारत ने एक तरह से अमेरिका के बार-बार किए जा रहे इन दावों को खारिज कर दिया व्यापार की उसकी पेशकश ने टकराव को रोक दिया।

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने न्यूयॉर्क की एक अदालत को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संक्षिप्त संघर्ष विराम’ तभी हुआ जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को ‘पूर्ण स्तर के युद्ध’ को टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करने की पेशकश की। पिछले कुछ हफ्तों में, ट्रंप ने बार-बार यह भी दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को धमकी दी कि अगर वे संघर्ष नहीं रोकते हैं तो अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार बंद कर देगा।

भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘छह-सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरती सैन्य स्थिति पर बातचीत हुई।’’

उन्होंने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘व्यापार या टैरिफ का मुद्दा इनमें से किसी भी चर्चा में नहीं आया।’’

न्यूयॉर्क की अदालत में ट्रंप प्रशासन की दलीलों पर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि गोलीबारी बंद करने का फैसला भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत में लिया गया था।’’

लूटनिक ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में यह प्रस्तुतीकरण दिया, जबकि ट्रंप को टैरिफ लगाने के लिए आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करने से रोकने के किसी भी प्रयास का विरोध किया।

शीर्ष अधिकारी ने कहा कि टैरिफ लगाने की राष्ट्रपति की शक्ति वास्तविक दुनिया की कूटनीति का संचालन करने की उनकी क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।

लूटनिक ने दलील दी, ‘‘उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान – दो परमाणु शक्ति संपन्न देश जो सिर्फ 13 दिन पहले संघर्ष में लिप्त थे, 10 मई को एक सूक्ष्म युद्ध विराम पर पहुंचे। यह युद्ध विराम केवल राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही हासिल किया गया था और दोनों देशों को पूर्ण पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करने की पेशकश की गई थी।’’

भाषा वैभव माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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