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Friday, 22 November, 2024
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पाकिस्तान नेशनल असेंबली का प्रस्ताव धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न से ध्यान हटाने के लिए: भारत

विदेश मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार पाकिस्तान द्वारा पारित यह प्रस्ताव जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के मुद्दे पर उसके द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक अभियान की ही दिशा में किया गया एक दुष्प्रयास है.

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नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सोमवार को पारित किए प्रस्ताव को अस्वीकार दिया है और इसे पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार और उत्पीड़न से ध्यान हटाने की नाकाम कोशिश बताया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी निंदा की है.

भारत ने कहा कि कल, पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव में जिन मामलों का उल्लेख किया गया है, वे पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं. हम स्पष्ट तौर पर इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं. इस प्रस्ताव में पाकिस्तान द्वारा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार व उत्पीड़न से ध्यान हटाने के लिए एक निष्फल प्रयास किया गया है. पाकिस्तान में इन अल्पसंख्यकों, चाहे वे हिंदू हों या ईसाई या सिख या कोई अन्य समुदाय की मौजूदा जनसंख्या ही वास्तविक स्थिति बयान कर रही है.

विदेश मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार पाकिस्तान द्वारा पारित यह प्रस्ताव जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के मुद्दे पर उसके द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक अभियान की ही दिशा में किया गया एक दुष्प्रयास है. उक्त प्रस्ताव का उद्देश्य भारत में चलाई जा रही सीमा-पार आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान के सतत समर्थन को न्यायोचित ठहराना है. हमें विश्वास है कि पाकिस्तान अपने ऐसे दुष्प्रयासों में विफल होगा.

भारत का कहना है कि इसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के उद्देश्यों के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया है. इसके तहत चुनिंदा देशों के उन विदेशियों को नागरिकता प्रदान की जानी है जो उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक हैं. इस अधिनियम में किसी भी भारतीय की नागरिकता को उसके धर्म या आस्था को ध्यान में रखते हुए छीने जाने का कोई प्रावधान नहीं है.

प्रस्ताव को बहुत ही हास्यास्पद बताते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने स्वयं अपने देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कानून पारित किए हैं और दूसरों पर उंगली उठाने का कार्य कर रहे हैं. हम पाकिस्तान का आह्वान करते हैं कि वे उन अपराधों को लेकर दूसरों पर झूठे आरोप लगाने की बजाय गंभीर रूप से आत्मनिरीक्षण करें जिनके लिए वे स्वयं दोषी हैं.

पाकिस्तान को चेताते हुए भारत ने कहा है कि इस बात भलीभांति स्मरण होना चाहिए कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह भी कि उसकी सभी सरकारों को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से निष्पक्ष रूप से और उचित प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है और यह भी कि सभी भारतीयों को उनकी अपनी आस्था के निरपेक्ष भारत के संविधान के अंतर्गत समान अधिकार प्राप्त हैं. हम पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि वे भी इसी प्रकार के आदर्शों को आत्मसात करें.

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