नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) भारत ने बुधवार को 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के पूर्ण सत्र को संबोधित किया और वैश्विक स्वास्थ्य समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने समिति के नव निर्वाचित अध्यक्षों को बधाई दी और सार्थक अंतरराष्ट्रीय संवाद व सहयोग के अवसर का स्वागत किया।
श्रीवास्तव ने समावेशी व सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर बात करते हुए आयुष्मान भारत जैसी प्रमुख पहलों के तहत किए गए परिवर्तनकारी कदमों को रेखांकित किया और कहा कि इन पहलों से व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच ‘काफी हद तक बढ़ी’ है।
उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम ने व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाई है, बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, उन्नत उपचार तकनीकों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है और डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने को गति दी है – जिससे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”
श्रीवास्तव ने कहा कि मातृ स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, बाल मृत्यु दर आदि में कमी लाने के लिए भारत के प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष और संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समूह समेत वैश्विक निकायों ने स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, ‘ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में भारत को ट्रैकोमा-मुक्त प्रमाणित किया गया है, तथा देश टीबी, कुष्ठ रोग, लिम्फेटिक फाइलेरिया, खसरा, रूबेला और काला-अजार जैसी बीमारियों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
उन्होंने बताया कि एक प्रमुख नीतिगत कदम के तहत भारत ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.