नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) भारत ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जिनेवा में ‘‘वन वर्ल्ड फॉर हेल्थ’’ विषय पर आयोजित 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने नयी डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034 को अपनाने का स्वागत किया और साक्ष्य आधारित पारंपरिक प्रथाओं को राष्ट्रीय और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे में शामिल करने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
बयान में कहा गया कि बागची ने कहा कि भारत ने पिछली डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा रणनीति (2014-2023) को लागू करने में मजबूत नेतृत्व दिखाया था और इसके ढांचे के लिए समर्थन व्यक्त किया था।
बयान में कहा गया है कि वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा पारिस्थितिकी तंत्र में भारत का महत्वपूर्ण योगदान गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (जीटीएमसी) की स्थापना में परिलक्षित होता है।
भाषा शोभना वैभव
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