नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित किया. इससे पहले पीएम मोदी को यहां ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया.
पीएम ने कहा, ‘देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. जब युवा देश इस तरह के ऐतिहासिक उत्सव का साक्षी बनता है तो उसके उत्सव में अलग ही उत्साह दिखता है. ये उत्साह आज इस मैदान पर भी दिख रहा है. ये भारत की उस युवा शक्ति का प्रदर्शन है, जो हमारे संकल्पों को पूरा करेगी.
सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारी मिल रही
सेना में महिलाओं की जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘अब देश की बेटियां सैन्य स्कूलों में एडमिशन ले रही हैं. सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारी मिल रही है. एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हों, यह हमारा प्रयास होना चाहिए. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 90 विश्वविद्यालयों ने एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में लिया है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं यहां बड़ी संख्या में महिला कैडेट्स को देख रहा हूं, ये देश के बदलते मिजाज का प्रतीक है. देश को आज आपके विशेष योगदान की जरूरत है. देश में आज आपके लिए अपार अवसर मौजूद हैं.’
मोदी बोले, ‘आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां एनसीसी में हैं, एनएसएस में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं. आपको ही भारत को 2047 तक लेकर जाना है. इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी.’
इस दौरान पीएम ने देश के प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पढ़ी. आगे उन्होंने कहा, ‘जिस देश का युवा, ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती. आज खेल के मैदान में, भारत की सफलता भी इसका एक बड़ा उदाहरण है.’
खिलाड़ी अब पुरस्कार के लिए नहीं देश के लिए खेलता है
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आज खेल के मैदान में खिलाड़ी की सफलता का बहुत महत्व है. उसकी हार जीत के साथ 130 करोड़ देशवासी जुड़ जाते हैं. भारत का युवा अगर किसी से टक्कर ले रहा है तो पूरा देश उसके पीछे खड़ा हो जाता है. भारतीय खिलाड़ी अब पुरस्कार के लिए नहीं देश के लिए खेलता है.’
कोरोना का भी किया जिक्र
इस दौरान पीएम मोदी कोरोना का जिक्र करना नहीं भूले. उन्होंने कहा, ‘कोरोना से लड़ने के लिए भारत एक हो गया तो पूरा विश्व हैरान हो गया. कुछ लोग हमारे समाज को कोसते हैं, लेकिन हमने दिखा दिया कि जब बात देश की हो तो हमारे लिए उससे बढ़कर कुछ नहीं. एनसीसी और एनएसएस के युवाओं ने कोरोना संकट में सेवाभाव से सभी का दिल जीता है. अब यह दायित्व है कि जो कुछ भी सीखा है वह जरूरी नहीं कि सिर्फ तभी काम आए जब यूनीफार्म पहना हो,बल्कि, वह पूरे जीवन में बना रहना चाहिए.’
पीएम खुद भी रहे हैं एनसीसी कैडेट
एनसीसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आपकी तरह ही एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूं. मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है.’
बता दें कि एनसीसी रैली गणतंत्र दिवस शिविर के आखिरी दिन हर साल 28 जनवरी को आयोजित की जाती है.
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