scorecardresearch
Wednesday, 6 November, 2024
होमदेशभविष्य के स्वास्थ्य संकट से निपटने को भारत ने दुनिया के लिए एक खाका पेश किया: नयी रिपोर्ट

भविष्य के स्वास्थ्य संकट से निपटने को भारत ने दुनिया के लिए एक खाका पेश किया: नयी रिपोर्ट

Text Size:

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) भारत इतनी विविधता के बावजूद, न केवल महामारी से निपटा बल्कि भविष्य के जन स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए दुनिया के लिए एक खाका भी तैयार किया। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा बुधवार को जारी दो रिपोर्ट में कही गई।

दोनों रिपोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि एक मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता और हितधारकों के बीच समन्वय से कोविड-19 रोधी टीके की 176 करोड़ से अधिक खुराक देने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई।

‘कोविड-19-इंडियाज वैक्सीन डेवलपमेंट स्टोरी’ और ‘इंडियाज कोविड-19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन जर्नी’ शीर्षक वाली दो रिपोर्ट ‘इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस’ द्वारा तैयार की गई है जो ‘इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड कॉम्पिटिटिवनेस’ के वैश्विक नेटवर्क का एक हिस्सा है और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से संबद्ध है।

इन रिपोर्ट में उन पहलुओं पर प्रकाश डाला गया जिन्होंने भारत के कोविड-19 टीका विकास और उसे लगाने के प्रयासों की सफलता में योगदान किया। इसमें स्वदेशी टीकों का निर्माण, मजबूत और समय पर अपनायी गई प्रक्रियाओं और अनुमोदन के लिए प्रोटोकॉल शामिल है जो सुरक्षित तौर पर टीका लगाया जाना सुनिश्चित करते हैं।

मांडविया ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, भारत की वैज्ञानिक क्षमता कई स्वदेशी टीकों के विकास से प्रदर्शित हुई है, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुमोदित किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत निगरानी नेटवर्क के माध्यम से संक्रमण का पता लगाने, जांच करने, उपचार करने एवं संक्रमण को रोकने की हमारी क्षमता और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों एवं नागरिकों की एकजुटता के साथ-साथ राज्यों और अन्य मंत्रालयों के सहयोग से कोविड-19 टीकाकरण अभियान सफल रहा।’’

मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में टीकाकरण के लिए पात्र 1.3 अरब लोगों में से अधिकांश को टीके देने में भारत सरकार के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों को स्वीकार किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रिपोर्ट में भारत जैसे देश के आकार और विविधता को देखते हुए बड़े पैमाने पर किए गए प्रयासों की सराहना की गई है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मार्क एस्पोसिटो ने कहा, ‘‘इतनी विविधता होने के बावजूद, भारत न केवल राष्ट्रीय संकट से निपटा बल्कि भविष्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से मुकाबले के वास्ते प्रौद्योगिकी का नवीन रूप से उपयोग करने के लिए दुनिया के लिए खाका भी तैयार किया।’’

‘मरीजों की संख्या पर नजर और नियंत्रण के लिए ई-गवर्नेंस मोबाइल ऐप की शुरुआत, वैश्विक मानकों के अनुरूप स्वदेशी पीपीई किट का निर्माण और स्थानीय तौर पर स्वैब जांच किट का निर्माण सरकार द्वारा महामारी से निपटने के लिए एक जबरदस्त प्रयास था।’

इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के अध्यक्ष डॉ अमित कपूर ने टीके को लेकर झिझक को दूर करने के लिए भारत द्वारा अपनी संचार रणनीति में संस्कृति के साथ विज्ञान के सम्मिश्रण और एकजुटता के निर्माण की अनूठी विशेषता की सराहना की।

उन्होंने कहा कि एक व्यापक संचार रणनीति ने टीकों के संबंध में सूचना प्रवाह के प्रबंधन में हितधारकों का मार्गदर्शन किया।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments