नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) भारत और नेपाल ने चीन को पशु अंगों की तस्करी करने वाले बाघ तस्करी नेटवर्क के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है। आधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
आधिकारियों ने कहा कि दोनों देश अवैध व्यापार से प्रभावित अन्य देशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए इंटरपोल के तंत्र का उपयोग करेंगे ताकि तस्करों के इस नेटवर्क से निपटा जा सके।
दोनों देशों के अधिकारियों ने यहां सीबीआई और इंटरपोल द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय जांच और विश्लेषणात्मक मामला बैठक (आरआईएसीएम) में बाघ तस्करी नेटवर्क के मुद्दे पर चर्चा की, जो एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है और पूरे क्षेत्र में बाघों की सुरक्षा को खतरे में डालता है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, “भारत से नेपाल होते हुए चीन तक तस्करी का मार्ग, जिसका उपयोग बाघों, तेंदुओं और अन्य ऐसे पशुओं के अवैध व्यापार के लिए अक्सर किया जाता है, चिंता का विषय बना हुआ है।”
अधिकारी ने बताया कि इन नेटवर्क में शामिल बिचौलिए और व्यापारी तस्करी के सामान को जुटाने, भंडारण और बिक्री के लिए एक-दूसरे के साथ समन्वय करते हैं, जिससे सुदूर पूर्व के बाजारों तक इसके परिवहन में सुविधा होती है।
बयान में कहा गया, “भारतीय और नेपाली अधिकारी पहचाने गए आपराधिक लक्ष्यों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू करने के लिए मिलकर काम करेंगे, तथा तस्करी के मार्गों से प्रभावित अन्य देशों में कानूनी एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए इंटरपोल के तंत्र का उपयोग करेंगे।”
इसमें कहा गया, “इंटरपोल की वैश्विक पहुंच और संसाधनों का उपयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाने, आपराधिक तंत्र में अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पहचान करने और अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में समन्वय स्थापित करने के लिए किया जाएगा।”
बृहस्पतिवार को शुरू हुई बैठक के दौरान भारत और नेपाल के बीच बाघ तस्करी से संबंधित चल रही जांच तथा खुफिया जानकारी के आधार पर प्रवर्तन कार्रवाई को मजबूत करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
भाषा
प्रशांत अविनाश
अविनाश
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