नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) भारत और मालदीव ने सोमवार को व्यापार एवं सामरिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार किया, वहीं मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली के संघर्ष का समर्थन किया।
खलील एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की तीन-दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां वह व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे, जिस पर पिछले अक्टूबर में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान सहमति बनी थी।
मालदीव के विदेश मंत्री ने उच्च-स्तरीय कोर ग्रुप (एचएलसीजी) की बैठक में अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसे व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर भारत-मालदीव विजन दस्तावेज के कार्यान्वयन में प्रगति की निगरानी करने का काम सौंपा गया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा राजनीतिक आदान-प्रदान, रक्षा और सुरक्षा सहयोग, विकास साझेदारी, व्यापार, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी।
मंत्रालय ने कहा कि खलील ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के लोगों तथा सरकार के साथ मालदीव की एकजुटता और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई में भारत को अपना दृढ़ समर्थन व्यक्त किया।
खलील ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी बैठक की।
जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘आतंकवाद से निपटने में मालदीव के समर्थन और एकजुटता का स्वागत है। भारत मालदीव की प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।’’
विदेश मंत्री खलील ने मालदीव को समय पर आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया, जिसने मालदीव के लोगों के रोजमर्रा के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘मालदीव, भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विजन महासागर में एक महत्वपूर्ण भागीदार है, जो कि क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति है।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया है।’’
भाषा सुरेश वैभव
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