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Sunday, 22 December, 2024
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भारत गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति बकरार रख रहा है : जयशंकर

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गुवाहाटी, 28 मई (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत अपने हितों को लेकर स्पष्ट रहने तथा इन्हें आगे बढ़ाने को लेकर आश्वस्त होकर ध्रुवीकृत वैश्विक परिदृश्य में गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति को बरकरार रख पाया है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, देश के हितों को जितना संभव हो सके, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई खिलाड़ियों के ‘‘संगत’’ होना चाहिए और उन्होंने इस संबंध में कूटनीति की भूमिका पर जोर दिया।

पूर्व विदेश सचिव ने आईआईटी-गुवाहाटी के छात्रों से बातचीत में कहा कि भारत के लिए अपनी गुटनिरपेक्ष नीति को बरकरार रखने की चुनौती कोई नयी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हर बार जब विश्व का ध्रुवीकरण होता है, तो उसकी अपनी जटिलताएं होती हैं और हम अभी उसी स्तर पर हैं। इसकी कई वजहें हैं, यूक्रेन उनमें से एक है।’’

भारत के अपने गुटनिरपेक्ष रुख को बनाए रखने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने अपने हितों के बारे में बहुत स्पष्ट होना होगा और इन्हें आगे बढ़ाने को लेकर आश्वस्त होना चाहिए। हमें एक धारणा बनाने और जितना संभव हो सके, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपने हितों को संगत बनाने का कौशल आना चाहिए।’’

यह पूछे जाने पर कि भारत अपने पड़ोस में बदलते समीकरणों को कैसे देखता है और इस परिदृश्य का चीन को ‘‘फायदा उठाने’’ से कैसे रोकता है, इस पर उन्होंने कहा कि इससे विश्वास के साथ निपटा जा सकता है।

वह इस संबंध में भारत की ‘पहले पड़ोसी’ की नीति के बारे में बोल रहे थे। चीन से चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर परिदृश्यों में अगर कोई ऐसी चीजें करता रहता है जो उनके लिए अच्छी है तो ज्यादातर समस्याओं का समाधान हो जाता है।

म्यांमा से शरणार्थियों के मिजोरम में शरण लेने के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि भारत यह देखने की कोशिश कर रहा है कि क्या वह इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है।

जयशंकर ने देश की वृद्धि और सुरक्षा में कूटनीतिक की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह ‘‘एक तरह से रक्षा की पहली पंक्ति’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कूटनीति कामयाब होती है तो सेना की आवश्यकता नहीं है…लेकिन कुछ मामलों में जब सैन्य कार्रवाई की बेहद आवश्यकता होती है तो कूटनीति समान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।’’

उग्रवाद और अपराध से निपटने में पूर्वोत्तर भारत की सीमा से लगते देशों के साथ उठाए जा रहे उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र की उग्रवाद, मादक पदार्थ के कारोबार और तस्करी की गंभीर समस्याएं थी।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन जब इन गतिविधियों को पड़ोसी देशों से समर्थन मिलना बंद हो गया तो क्षेत्र अधिक सुरक्षित हो गया।’’

जयशंकर यहां विकास और अंतर-निर्भरता में स्वाभाविक सहयोगियों के सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आए थे।

भाषा गोला संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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