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Friday, 26 April, 2024
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भारत ने किया साफ- कश्मीर पर शी जिनपिंग से नहीं होगी बात, न कोई समझौता

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11-12 अक्टूबर को भारत दौरे पर रहेंगे. वह तमिलनाडु के ममलापुरम में पीएम मोदी के साथ अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक करेंगे.

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नई दिल्ली : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11-12 अक्टूबर को भारत दौरे पर रहेंगे. वह इस दौरान तमिलनाडु के ममलापुरम (महाबलीपुरम) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए 11-12 अक्टूबर को भारत में चेन्नई का दौरा करेंगे.’

दोनों नेताओं के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक चीन के वुहान में 27-28 अप्रैल, 2018 को हुई थी.

बयान के अनुसार, ‘चेन्नई में होने जा रही अनौपचारिक शिखर बैठक दोनों नेताओं को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और भारत-चीन क्लोजर डेवलपमेंट पार्टनरशिप को और मजबूत करने के संबंध में विचार साझा करने का मंच प्रदान करेगी.’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान कश्मीर और संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मुद्दों पर कोई बातचीत नहीं होगी, क्योंकि ये मुद्दे भारतीय संविधान और भारत की संप्रभुता से जुड़े हुए हैं. सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘भारत ने (अनुच्छेद 370 पर) अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि यह भारतीय संविधान से संबंधित है, जो हमारी संप्रभुता का मामला है. तो इस पर चर्चा होने का सवाल ही नहीं उठता.’

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सूत्रों ने कहा, ‘अगर राष्ट्रपति शी मामले को समझना चाहते हैं तो हम इसे समझाएंगे.’

अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और चीन द्वारा इस पर आपत्ति जताने के मुद्दे पर सूत्रों ने कहा कि यह कदम स्थानीय जनता द्वारा और विकास तथा अधिकार देने की मांग पर उठाया गया है.

सूत्रों ने कहा कि चीन को भारत का रुख बता दिया गया है कि उसने बाहरी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है.

सूत्रों ने कहा कि इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का चीन दौरे पर होने से भारत को फर्क नहीं पड़ता है.

विश्व धरोहर का भ्रमण

तमिलनाडु के ममलापुरम में दोनों नेता यूनेस्को के कुछ विश्व धरोहर स्थलों का भ्रमण करेंगे और कलाक्षेत्र द्वारा प्रस्तुत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे. चीन के राष्ट्रपति शी, प्रधानमंत्री मोदी से अपनी प्रस्तावित बैठक के लिए 11 अक्टूबर को दोपहर बाद चेन्नई पहुंचेंगे. यह स्थान ममलापुरम से 50 किलोमीटर दूर है.

सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता ममलापुरम में शाम को बैठक करेंगे, और प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जिनपिंग को तटीय शहर में पल्लव शासकों द्वारा निर्मित कुछ ऐतिहासिक धरोहरों पर ले जाएंगे.

उन्होंने कहा कि मोदी चीन के राष्ट्रपति के सम्मान में रात्रिभोज भी देंगे, और दोनों नेता वहां कला क्षेत्र के सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे.

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद दोनों नेता 12 अक्टूबर को अपने प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के दूसरे चरण में शामिल होंगे, जिसके बाद शी अपराह्न 2 बजे स्वदेश रवाना हो जाएंगे.

दूसरे दिन की वार्ता ताज समूह द्वारा संचालित फिशरमैन्स कोव में होगी.

चूंकि वार्ता अनौपचारिक है तो कोई औपचारिक वार्ता, या किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होंगे.

वार्ता में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की तरफ से जिनपिंग के अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी शामिल होंगे.

सूत्रों के अनुसार, इतिहास और संस्कृति में दोनों नेताओं की समान रुचि होने के कारण दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए विश्व विरासत स्थल ममलापुरम को चुना गया है, और ममलापुरम का चीन के साथ भी ऐतिहासिक संबंध है.

जहां प्रधानमंत्री दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए नई दिल्ली के अलावा किसी और स्थान की इच्छा जता रहे थे, वहीं दोनों पक्ष राष्ट्रीय राजधानी के बाहर ऐसे स्थान की तलाश कर रहे थे, जहां शिखर बैठक की जा सके और जहां का नजदीकी हवाईअड्डा एक बड़े विमान के लिए उपयुक्त हो.

ममलापुरम न सिर्फ बड़ा पर्यटन स्थल है, बल्कि चेन्नई के निकट भी है और यहां चीन के बौद्ध भिक्षु ह्वेन सांग ने भी 17वीं शताब्दी में दौरा किया था.

अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए शी के भारत दौरे पर आने से पहले बीजिंग ने मंगलवार को कश्मीर पर नरम रुख अपनाते हुए कहा था कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और विचार-विमर्श के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने इमरान की वर्तमान यात्रा और वार्ता के दौरान कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की संभावना के सवाल पर बीजिंग में कहा, ‘कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट और वही है.’

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