(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) म्यांमा में आए भीषण भूकंप से हुई मौत और तबाही के बीच भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई तथा आपातकालीन मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव दलों के साथ हवाई और समुद्री मार्ग से और आपूर्ति भेजी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमा के सैन्य जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत उनके देश में आए भीषण भूकंप से मची तबाही से निपटने के प्रयासों में उनके साथ एकजुटता से खड़ा है।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत होने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। भारत एक निकट मित्र और एक पड़ोसी के रूप में इस कठिन समय में म्यांमा के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।’’
मोदी ने कहा कि भारत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, तलाश एवं बचाव दल भेज रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय नौसैन्य जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जयशंकर ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 80 सदस्यीय खोज एवं बचाव टीम म्यांमा की राजधानी नेपीता के लिए रवाना हो गई है। उन्होंने कहा कि वे म्यांमा में बचाव कार्यों में सहायता करेंगे।
भारत ने इससे पहले दो अवसरों पर विदेश में एनडीआरएफ को तैनात किया। नेपाल में 2015 के भूकंप के दौरान और 2023 में तुर्किये के भूकंप के दौरान एनडीआरएफ कर्मी मदद के लिए गए थे।
सुबह में, भारत ने भारतीय वायु सेना के ‘सी130जे’ सैन्य परिवहन विमान से म्यांमा के शहर यांगून में राहत सामग्री भेजी।
अधिकारियों ने बताया कि तंबू, ‘स्लीपिंग बैग’, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाओं समेत राहत सामग्री भेजी गई।
उन्होंने बताया कि राहत सामग्री के साथ भारतीय वायुसेना के दो और विमान म्यांमा भेजे जा रहे हैं और ये विमान जल्द ही हिंडन वायुसेना स्टेशन से रवाना होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 60 पैरा-फील्ड एम्बुलेंस भी हवाई मार्ग से म्यांमा भेजी जा रही हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमा के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।’’
म्यांमा में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने शुक्रवार को आए भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमा के लोगों की सहायता के लिए ‘‘सबसे पहले कदम उठाने वाले’’ देश के रूप में काम किया है।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कुल 80 एनडीआरएफ कर्मियों की एक टीम को गाजियाबाद के हिंडन से भारतीय वायुसेना के दो विमानों में म्यांमा भेजा जा रहा है। राहत टीम के शनिवार को ही वहां पहुंचने की उम्मीद है।’’
दिल्ली के निकट गाजियाबाद में तैनात एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पी के तिवारी यूएसएआर (शहरी खोज और बचाव) टीम का नेतृत्व करेंगे। अधिकारी ने बताया कि टीम खोजी कुत्तों को भी साथ ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अंतरराष्ट्रीय खोज और बचाव सलाहकार समूह (आईएनएसएआरएजी) के मानदंडों के अनुसार किया जा रहा है।
म्यांमा और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में शुक्रवार को भीषण भूकंप आने से इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए।
खबरों के मुताबिक, म्यांमा में भूकंप के कारण अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हुए हैं।
म्यांमा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि वह म्यांमा के साथ भारत से सहायता और राहत सामग्री की शीघ्र आपूर्ति का समन्वय कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को म्यांमा और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘म्यांमा और थाईलैंड में भूकंप के मद्देनजर पैदा हुई स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और विदेश मंत्रालय से म्यांमा और थाईलैंड की सरकारों के संपर्क में रहने को भी कहा गया है।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.