नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) भारत और जापान 24 फरवरी से शुरू होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे जिसका उद्देश्य संयुक्त रूप से शहरी युद्ध और आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देते हुए दोनों सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाना है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह अभ्यास क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता के प्रति भारत और जापान की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही यह एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के उनके साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।
भारतीय सेना की एक टुकड़ी भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्डियन’ के छठे अभ्यास के लिए शनिवार को रवाना हुई। यह सैन्य अभ्यास 24 फरवरी से नौ मार्च 2025 तक जापान के पूर्वी फूजी युद्धाभ्यास प्रशिक्षण क्षेत्र में होगा।
बयान में कहा गया, ‘‘इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत संयुक्त शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देते हुए दोनों सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाना है।’’
‘धर्म गार्डियन’ सैन्य अभ्यास एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है जो भारत और जापान में बारी-बारी से होता है। यह सैन्य अभ्यास पिछली बार फरवरी-मार्च 2024 में राजस्थान में किया गया था।
बयान में कहा गया कि 120 कर्मियों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिकों के साथ-साथ अन्य सेनाओं की टुकड़ियों और सैन्य सहायता इकाइयों के सैनिक करेंगे। जापान की ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) का प्रतिनिधित्व 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट करेंगी। इसमें भी इतने ही सैनिक होंगे।
इस अभ्यास में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बयान में कहा गया कि अक्टूबर 2024 में सेना प्रमुख की जापान की सफल यात्रा के परिणाम स्वरूप, यह सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्डियन’ भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।
बयान के अनुसार ‘धर्म गार्डियन’ सैन्य अभ्यास भारत-जापान संबंधों के क्षेत्रीय सहयोग की आधारशिला को मजबूत करता है। यह परस्पर सैन्य संबंधों को मजबूत करता है और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देता है।
भाषा आशीष रंजन
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