नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) भारत और जापान की सेनाओं ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के समग्र उद्देश्य के अनुरूप माउंट फूजी की तलहटी में जापानी सैन्य अड्डे पर दो सप्ताह का युद्ध अभ्यास शुरू किया है।
भारतीय सेना ने कहा कि सोमवार को शुरू हुए ‘धर्म गार्डियन’ अभ्यास के छठे संस्करण में कई तरह की गतिविधियां भारत और जापान के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को प्रतिबिंबित करेंगी।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती आक्रामकता को लेकर भारत और जापान की चिंताओं के बीच, पूर्वी फूजी प्रशिक्षण क्षेत्र में यह युद्धाभ्यास हो रहा है।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि यह महत्वपूर्ण अभ्यास एक ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ है, क्योंकि यह उन्नत स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पहली बार ‘कंपनी’ स्तर तक सैनिकों की भागीदारी बढ़ाई गई है।
युद्धाभ्यास के उद्घाटन समारोह में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के प्रथम डिवीजन के कमांडिंग जनरल लेफ्टिनेंट जनरल तोरियुमी सेजी भी उपस्थित थे।
बयान में कहा गया है कि संयुक्त अभ्यास के तहत युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देते हुए दोनों सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ाना है।
इसमें कहा गया है कि सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के दौरान की गई गतिविधियों का भी अभ्यास करेंगे, तथा वास्तविक दुनिया की स्थितियों का अनुकरण करेंगे, जहां बहुराष्ट्रीय सेनाओं को जटिल वातावरण में प्रभावी ढंग से सहयोग करना होता है।
भारतीय सेना ने कहा कि इस सहयोग का उद्देश्य अभियान के दौरान दोनों सेनाओं की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की क्षमता में सुधार करना है।
बयान में कहा गया, ‘‘जैसे-जैसे अभ्यास आगे बढ़ेगा, इसमें भाग लेने वाली सेनाएं सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला में शामिल होंगी, ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करेंगी तथा मैत्री और विश्वास के स्थायी संबंधों का निर्माण करेंगी।’’
बयान के अनुसार, ‘‘अभ्यास के समापन पर दोनों सेनाएं क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेंगी।’’
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश
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