नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साझा खतरा है।
जयशंकर ने उन लोगों का आभार जताया, जिन्होंने देश के साथ एकजुटता व्यक्त की है और “मौजूदा समय में जारी दृढ़ प्रतिक्रिया” को समझते हैं।
विदेश मंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर तत्कालीन सोवियत संघ की जीत के 80 साल पूरे होने के मौके पर यहां रूसी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।
जयशंकर ने कहा, “मुझे 1945 में फासीवाद के खिलाफ युद्ध में जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आप सभी के साथ शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है।”
उन्होंने कहा, “हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब भारत आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साझा खतरा है। मैं उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने हमारे साथ एकजुटता व्यक्त की है और जो मौजूदा समय में जारी दृढ़ प्रतिक्रिया को समझते हैं।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पांच मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर कहा कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का पूरा समर्थन करता है और पहलगाम आतंकवादी हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
रूसी दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को ‘बर्बर’ बताया और दोनों नेताओं (मोदी और पुतिन) ने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ “बिना समझौता किए लड़ाई” की आवश्यकता पर बल दिया।
जयशंकर ने विजय दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, “आज आशा और आशावाद का अवसर है, साथ ही यह याद करने का भी अवसर है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “यह हमारे कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन है, चाहे वह द्विपक्षीय हों, क्षेत्रीय हों या बहुपक्षीय हों।”
कार्यक्रम में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव और कई अन्य राजनयिक मौजूद थे।
भाषा पारुल माधव
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