(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 30 मई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शांति रक्षक अधिकारी ने कहा है कि भारत शांति रक्षा का एक महत्वपूर्ण समर्थक है, जिसमें शांति रक्षकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयासों में उसकी अग्रणी भूमिका भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के अवर महासचिव ज्यां-पियरे लैक्रोइक्स की यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक मीडिया सत्र के दौरान आई।
वह 24-25 फरवरी को भारत द्वारा आयोजित महिला शांति सैनिकों के पहले सम्मेलन में भाग लेने के लिए नयी दिल्ली आए थे।
लैक्रोइक्स ने सम्मेलन और उसके बारे में उनके आकलन के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा, “हां, मैं वास्तव में नयी दिल्ली और उस सम्मेलन में जाना चाहता था।”
लैक्रोइक्स ने कहा, “सबसे पहले, क्योंकि भारत सेना और पुलिस का बहुत महत्वपूर्ण योगदान देने वाला देश है। यह शांति रक्षा का भी एक बहुत महत्वपूर्ण समर्थक है, भारत के पुरुषों और महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान के अलावा, विभिन्न प्रयासों का समर्थन करने के मामले में भी। मैं विशेष रूप से इस बारे में सोच रहा हूं, लेकिन शांति सैनिकों के खिलाफ अपराध की जवाबदेही पर भारत की ओर से दिए गए नेतृत्व के कई अन्य उदाहरण भी हैं।”
‘शांति रक्षा में महिलाएं: एक वैश्विक दक्षिण परिप्रेक्ष्य’ विषय पर आयोजित दिल्ली सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक केंद्र (सीयूएनपीके) के सहयोग से किया गया था।
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में वर्दीधारी कर्मियों का चौथा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। वर्तमान में अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत के 5,300 से अधिक सैन्य और पुलिस कर्मियों की तैनाती है।
भाषा प्रशांत मनीषा
मनीषा
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