नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) यूक्रेन पर रूस के हमले, उसके सैनिकों के तेजी से आगे ब़ढ़ने एवं जमीनी स्थिति खराब होने के बीच भारत शुक्रवार को इस पूर्वी यूरोपीय देश से अपने नागरिकों को निकालने संबंधी जटिलताओं को तीव्रता के साथ सुलझाने में जुटा रहा । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के अपने समकक्ष के साथ भारतीय नागरिकों की स्थिति के बारे में चर्चा की ।
जमीनी हालात बेहद कठिन होने के बावजूद भारत ने पश्चिमी यूक्रेन के लीव एवं चेर्निवित्सी शहरों में कैम्प कार्यालय स्थापित किए ताकि वहां से भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड के लिये पारगमन सुविधा प्रदान की जा सके। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इसके साथ ही भारतीय टीमों को हंगरी सीमा पर चोप-जाहोनी सीमा बिंदु और रोमानिया सीमा पर उजहोरोड में चेर्नित्सि के पोरूबने-सीरेत के आसपास तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा पोलैंड के सीमा क्षेत्र से लगे शेहाइली-मेदयाका क्षेत्र और रोमानिया में सुचिएवा पारगमन बिंदु पर यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की निकासी को लेकर समन्वय की सुविधा स्थापित की गई है।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा है कि 470 से अधिक छात्र यूक्रेन से निकलेंगे और पोरूबने-सीरेत सीमा से रोमानिया में प्रवेश करेंगे ।
दूतावास ने कहा कि यह ‘वृहद निकासी’ अभियान है और इसे यूक्रेन, पोलैंड, रोमानिया और हंगरी में भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया जा रहा है तथा भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी हैं ।
यूक्रेन में करीब 16 हजार भारतीयों के फंसे होने के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत की। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत समाधान के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा का कॉल आया । उन्होंने वर्तमान स्थिति को लेकर अपना आकलन साझा किया । ’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत समाधान निकालने के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है ।’’
उन्होंने कहा कि छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की स्थिति के बारे में चर्चा की तथा इन लोगों की सुरक्षित निकासी में उनके सहयोग की सराहना की ।
यूक्रेन ने रूसी सैन्य हमले के बाद अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, जिसके बाद भारत रोमानिया, हंगरी, स्लोवाक गणराज्य और पोलैंड की थल सीमा के माध्यम से यूक्रेन से लगभग 16,000 भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की कुशलता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच रूसी राजनयिक सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिक शांत रहे और जहां हैं, वहीं रहें ।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बृहस्पतिवार को बताया था कि यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान से नागरिक आबादी को कोई खतरा नहीं है।
यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की थी और उन्हें बताया था कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सकुशल वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दता है।
रूसी बयान में कहा गया है कि रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि जरूरी निर्देश दिये जायेंगे ।
एअर इंडिया रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए अपनी दो उड़ानें शुक्रवार रात रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट भेजेगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंच गये हैं, उन्हें भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जायेंगे ताकि उन्हें एअर इंडिया की इन दो उड़ानों के जरिए स्वदेश लाया जा सके।
इससे पहले, सुबह में यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि फंसे हुए भारतीयों से ”मजबूत, सुरक्षित और सतर्क” बने रहने की अपील की और कहा कि रोमानिया और हंगरी सीमा के रास्ते उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं।
दूतावास ने एक परामर्श में कहा कि भारतीय टीमों को हंगरी सीमा पर चोप-जाहोनी सीमा बिंदु और रोमानिया सीमा पर उजहोरोड में चेर्नित्सि के पोरबने-स्ट्रीट के आसपास तैनात किया जा रहा है।
दूतावास भी यूक्रेन में भारतीय समुदाय की मदद के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।”
पोलैंड और स्लोवाकिया में भारतीय दूतावास ने भी अलग अलग परामर्श जारी किया था ।
इससे पहले, रूस ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई को लेकर जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महत्वपूर्ण प्रस्ताव आएगा तो भारत उसका (रूस) समर्थन करेगा ।
रूस के चार्ज द अफेयर्स (प्रभारी) रोमन बाबुश्किन ने कहा कि यूक्रेन में वर्तमान स्थिति कैसे उत्पन्न हुई है, इसके बारे में भारत को गहरी समझ है और दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक गठजोड़ के मद्देनजर मास्को, नयी दिल्ली से सतत समर्थन को लेकर आशान्वित है।
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दीपक नरेश
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