नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लाल किले की प्राचीर से कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन की जिन समस्याओं से जूझ रही है उनका समाधान भारत के पास है.
उन्होंने कहा, ‘आने वाले 25 साल बड़े संकल्पों वाले होने चाहिए. हमारे पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है. हम प्रकृति के साथ जीना जानते हैं. दुनिया जो पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है उसका समाधान हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.’
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती पर जोर देने का भी आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए. जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे. जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे.’
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी शक्ति है और भारत लोकतंत्र की जननी है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
यह भी पढ़ें: देश को खोखला कर रहा भ्रष्टाचार और परिवारवाद, लाल किले से PM मोदी ने दिया ‘पंच प्रण’ का मंत्र