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Tuesday, 12 November, 2024
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भारत ने दिया हथियार छोड़ने वाले आतंकियों को सुरक्षा का आश्वासन

पुलवामा हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस्लामाबाद पर दबाव बनाया है कि वह अपनी धरती पर मौजूद आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.

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नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में शनिवार को सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने हथियार छोड़कर सामान्य जीवन की ओर लौटने के लिए तैयार आतंकियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया. यहां लाइट इंफैन्ट्री के मुख्यालय पर एक समारोह में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल के.जी.एस ढिल्लों ने उन कश्मीरी माओं से अपने बेटों को वापस बुलाने की अपील की, जो अपना घर छोड़कर आतंकवाद में शामिल हो गए हैं.

श्रीनगर मुख्यालय स्थित 15वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर ने मांओं से अपने बेटों को हथियार उठाने से रोकने के लिए कहा. उन्होंने आश्वासन दिया कि आतंकवाद छोड़ने का फैसला करने वालों को सुरक्षित रूप से मुख्यधारा में लौटने का मौका दिया जाएगा.

पाकिस्तानी ड्रोन ने राजस्थान सीमा में प्रवेश का प्रयास किया

बता दें, पाकिस्तान के एक ड्रोन ने राजस्थान सीमा के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश की जिसे सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मार गिराने का प्रयास किया, जिसके बाद ड्रोन वापस पाकिस्तानी सीमा में चला गया. बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि सुबह करीब 5.40 बजे श्रीगंगानगर के पास हिंदुमलकोट सीमा पर ड्रोन ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की, जैसे ही जवानों ने इसे देखा, उन्होंने ड्रोन पर गोलीबारी शुरू कर दी और उसे लौटने पर मजबूर कर दिया. पश्चिमी सीमा पर रहने वाले ग्रामीणों ने भी भारी गोलीबारी की आवाज सुनी. अधिकारी ने कहा कि ड्रोन सुरक्षित सीमा पार पाकिस्तान लौट गया.

पाकिस्तान में हथियारबंद समूहों को काम नहीं करने देंगे इमरान

गौरतलब हो कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार देश में किसी भी हथियारबंद समूह को काम नहीं करने देगी.

खान ने थारपारकर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘राष्ट्रीय कार्ययोजना (एनएपी) के तहत हम पाकिस्तान में किसी भी हथियारबंद समूह को अनुमति नहीं देंगे. कोई देश ऐसा नहीं करता है. पाकिस्तान की सभी पार्टियों ने यह निर्णय लिया है. जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हमने तय किया कि एनएपी को लागू करेंगे.’

जियो न्यूज के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.’

इमरान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी के पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 मारे गए थे.

पुलवामा हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस्लामाबाद पर दबाव बनाया है कि वह अपनी धरती पर मौजूद आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके बाद पाकिस्तान ने इस सप्ताह के प्रारंभ में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और जैश के मसूद अजहर के भाई और बेटे को प्रतिबंधित आतंकी समूहों से संबद्ध अन्य 42 लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया.

पाकिस्तान ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 121 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया है और आतंकी समूहों पर अपनी लगातार कार्रवाई के हिस्से के रूप में 182 मदरसों को जब्त कर लिया है. खान ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में भी बात की और कहा कि उनका देश अल्पसंख्यकों के साथ खड़ा है, जबकि भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के साथ खड़ी है और उनके साथ किसी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी. इमरान ने कहा, ‘इस पाकिस्तान में यह सुनिश्चित कराना हमारी जिम्मेदारी है कि अल्पसंख्यक समान नागरिक हैं और उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा.’

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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