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Monday, 23 December, 2024
होमदेशभारत में बना पेपर-स्ट्रिप का 500 रुपए का कोविड-19 टेस्ट किट,1 घंटे में मिलेगा नतीजा

भारत में बना पेपर-स्ट्रिप का 500 रुपए का कोविड-19 टेस्ट किट,1 घंटे में मिलेगा नतीजा

इसके तैयार होने के बाद बड़े पैमाने पर कोरोना के टेस्ट से जुड़ी चुनौती से निपटने में मदद मिल सकती है. इसमें जीन-एडिटिंग की अत्याधुनिक तकनीक क्रिस्पर-कैस-9 का उपयोग किया गया है.

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नई दिल्ली: वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों को कोविड-19 के तुरंत टेस्ट के लिए एक नई किट विकसित में बड़ी सफलता मिली है. सीएसआईआर से जुड़ी नई दिल्ली स्थित जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह एक पेपर-स्ट्रिप आधारित टेस्ट किट है, जिसकी मदद से कम समय में कोविड-19 के इंफेक्शन का पता लगाया जा सकता है.

यह पेपर स्ट्रिप-आधारित टेस्ट किट आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ. सौविक मैती और डॉ देबज्योति चक्रवर्ती की अगुवाई वाली एक टीम ने विकसित की है. यह किट एक घंटे से भी कम समय में नये कोरोनावायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के वायरल आरएनए का पता लगा सकती है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर प्रचलित टेस्ट के तरीकों के मुकाबले यह एक पेपर-स्ट्रिप किट काफी सस्ती है और इसके विकसित होने के बाद बड़े पैमाने पर कोरोना के टेस्ट करने की चुनौती से निपटने में मदद मिल सकती है.

आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने कहा, ‘इंफेक्शन के शिकार संदिग्ध लोगों में कोरोनावायरस के जीनोमिक अनुक्रम की पहचान करने के लिए इस पेपर-किट में जीन-एटिडिंग की अत्याधुनिक तकनीक क्रिस्पर-कैस-9 का उपयोग किया गया है.’

इस किट की एक खासियत यह है कि इसका उपयोग तेजी से फैल रही कोविड-19 महामारी का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर किया जा सकेगा. डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने कहा, ‘अभी इस परीक्षण किट की वैलिडिटी का टेस्ट किया जा रहा है, जिसके पूरा होने के बाद इसका उपयोग नये कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए किया जा सकेगा. इस किट के आने से वायरस के परीक्षण के लिए वर्तमान में इस्तेमाल की जाने वाली महंगी रियल टाइम पीसीआर मशीनों की जरूरत नहीं पड़ेगी. नई किट के उपयोग से परीक्षण की लागत करीब 500 रुपये है.’

आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने बताया कि वे इस टूल पर लगभग दो साल से काम कर रहे हैं लेकिन जनवरी के अंत में जब चीन में कोरोना का प्रकोप चरम पर था तो उन्होंने यह देखने के लिए परीक्षण शुरू किया कि यह किट कोविड-19 का पता लगाने में ये कितनी कारगर हो सकती है. इस कवायद में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए आईजीआईबी के वैज्ञानिक पिछले करीब दो महीनों से दिन-रात जुटे हुए थे.

सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे ने कहा है – ‘इस किट के विकास से जुड़े प्राथमिक परिणाम उत्साहजनक हैं. हालांकि, प्राथमिक नतीजे अभी सीमित नमूनों पर देखे गए हैं और इसका परीक्षण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. दूसरे देशों से मंगाए गए नमूनों पर भी इसका परीक्षण किया जाएगा. नियामक निकायों से इसके उपयोग की अनुमति जल्दी ही मिल सकती है, जिसके बाद इस किट का उपयोग परीक्षण के लिए किया जा सकता है.’

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