नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) भारत ने शनिवार को ‘स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म’ का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जिसे सेना की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विकसित किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि दुनिया में बहुत कम देशों के पास ऐसी जटिल प्रणाली है।
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह परीक्षण किया।
डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने कहा कि प्रतिकृति उड़ान हवा से भी हल्की उच्च ऊंचाई वाली प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक ‘मील का पत्थर’ है, जो समताप मंडल की ऊंचाइयों पर बहुत लंबे समय तक हवा में रह सकती है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस ‘एयरशिप’ को लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक उपकरणीय पेलोड के साथ रवाना किया गया।
पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस एयरशिप का सफल उड़ान परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि यह प्रणाली पृथ्वी अवलोकन और खुफिया निगरानी एवं टोही क्षमताओं को अद्वितीय रूप से बढ़ाएगी, जिससे भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ऐसी स्वदेशी क्षमता है।
भाषा
राजकुमार पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.