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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशभारत ने करतारपुर साहिब का प्रबंधन गैर-सिख संस्था को देने के पाक के फैसले को 'अति निंदनीय' बताया

भारत ने करतारपुर साहिब का प्रबंधन गैर-सिख संस्था को देने के पाक के फैसले को ‘अति निंदनीय’ बताया

भारत ने कहा कि इस तरह के काम केवल पाक सरकार की वास्तविकता और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लंबे दावों की पोल खोलते हैं.

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नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन और रखरखाव को गैर-सिख संस्था को देने के पाकिस्तान के ‘एकतरफा फैसले’ पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया कि यह अति निंदनीय है और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है.

सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा, ‘मै महसूस करता हूं कि केवल पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (पीएसजीपीसी) गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन कर सकती है क्योंकि वे उस स्थान की गरिमा और संस्कृति को समझते हैं. मैं पाक सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह अपना फैसला वापस ले. DSGMC के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पाक राजदूत से मिलेंगे और उन्हें हमारा पत्र सौंपेंगे.’

एक बयान में विदेश मंत्रालय ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन के अधिकार से सिख समुदाय को वंचित करने के मनमाने फैसले को पाकिस्तान सरकार से वापस लेने को  कहा है. पाकिस्तान सरकार ने पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन और रखरखाव को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) से हटाकर अल्पसंख्यक सिख समुदाय द्वारा संचालित एक संस्था, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETBP), एक गैर-सिख संस्था के प्रशासनिक नियंत्रण में दे दिया है.

3 नवंबर को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय (MoRA) की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति की मंजूरी के बाद, ईटीपीबी के प्रशासनिक नियंत्रण में गुरुद्वारा दरबार साहिब के प्रबंधन और रखरखाव के लिए स्ववित्तपोषित पीएमयू करतारपुर साहिब की स्थापना की गई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘पाकिस्तान का यह एकतरफा फैसला बेहद निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरिडोर की भावना के खिलाफ भी जाता है, जो कि बड़े पैमाने पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ भी है. पाकिस्तान में सिख अल्पसंख्यकों के अधिकारों को निशाना बनाए जाने के इस फैसले को लेकर समुदाय ने गंभीर चिंता जताई है.

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कार्य केवल पाकिस्तानी सरकार की वास्तविकता और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने, संरक्षण देने के लंबे दावों की पोल खोलते हैं. भारत पाकिस्तान को सिख अल्पसंख्यक समुदाय को पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन के उसके अधिकार से वंचित करने के मनमाने फैसले को पलटने की मांग करता है.

पाकिस्तान की सरकार का यह कदम 9 नवंबर को ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन की पहली वर्षगांठ से पहले आया है.

4 किलोमीटर लंबा गलियारा भारत में गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक तीर्थ को पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से जोड़ता है.

(एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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