scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंसभारत-चीन के कोर कमांडरों के बीच 12 घंटे चली बैठक, एलएसी पर तनाव की स्थिति को लेकर हुई चर्चा

भारत-चीन के कोर कमांडरों के बीच 12 घंटे चली बैठक, एलएसी पर तनाव की स्थिति को लेकर हुई चर्चा

ये मीटिंग मंगलवार रात तक चली. पीएलए के मुखपत्र ने बाद में एक संपादकीय जारी किया, जिसमें 59 चीनी एप्स को बैन करने के लिए, भारत की कड़ी आलोचना की गई.

Text Size:

नई दिल्ली: भारत और चीन के कोर कमांडर्स के बीच मंगलवार को 12 घंटे की एक लम्बी बैठक चली जिसमें सौहार्दपूर्ण ढंग से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने की कोशिश की गई. हालांकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के माउथपीस ने, 59 चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने के नई दिल्ली के कदम की तीखी आलोचना की.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और उनके समकक्ष- साउथ शिंजियांग मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट के कमांडर-मेजर जनरल लिन लियु के बीच हुई बैठक में टकराव के मुद्दों खासकर पैंगोंग झील पर विस्तृत चर्चा हुई.

ये मीटिंग जो चुशुल-बोल्डो मीट्ग प्वॉइंट पर भारत की साइड में हुई, मंगलवार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई और 12 घंटे बाद देर रात जाकर खत्म हुई.

सूत्रों का कहना था कि चूंकि चीनी शिष्ट-मंडल की मेज़बानी भारत कर रहा था इसलिए समस्या से जुड़े मुद्दे पहले भारत ने उठाए.

भारतीय पक्ष ने पीएलए की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन पर फोकस किया और अप्रैल की यथास्थिति बहाल करने की मांग की. तनाव कम करने की इच्छा ज़ाहिर करते हुए, भारत ने ज़ोर देकर कहा कि चीन को यथास्थिति बदलने की इजाज़त नहीं दी जाएगी.

जैसे कि दिप्रिंट ने पहले खबर दी थी, भारत और चीन ने 22 जून को इस संभावना पर चर्चा की थी कि पूर्वी लद्दाख के उन क्षेत्रों में जहां टकराव जारी है, नए टेंट्स और बंकर निर्माण कार्यों से जुड़ी गतिविधियां रोकने के अलावा, कोई अतिरिक्त सैनिक तैनात न किए जाएं.


यह भी पढ़ें: चीन के ऐप तो सरकार ने बैन कर दिये, पर भारत अब तक कोई लोकप्रिय ऐप क्यों नहीं बना पाया


‘पहला उद्देश्य तनाव को बढ़ने से रोकना’

वार्ता की प्रक्रिया को समझाते हुए, सूत्रों ने कहा कि पहला मकसद ये सुनिश्चित करना है कि तनावों में इज़ाफा न हो.

एक सूत्र ने कहा, ‘दूसरी अहम बात ये है कि तनाव कम किया जाए, जिसमें सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से, फॉरवर्ड पोज़ीशंस से पीछे लाना शामिल है’. सूत्र ने ये भी कहा, ‘तीसरा मकसद ये है कि दोनों पक्ष अलग-अलग हो जाएं, जिससे यथापूर्व स्थिति का रास्ता साफ हो, जो अप्रैल के शुरू की यथास्थिति है’.

भारत और चीन दोनों ने एलएसी पर भारी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं, जिसमें भारत ने तीन डिवीज़न से भी ज़्यादा सैनिक बल लगा दिए हैं. इसमें आर्टिलरी और बख्तरबंद ब्रिगेड्स आदि की यूनिट्स भी शामिल हैं.

भारतीय वायु सेना को भी ऑपरेशनल अलर्ट पर रख दिया गया है. लद्दाख के पास के सभी ठिकानों को सक्रिय कर दिया गया है और दूसरे ठिकानों से लड़ाकू विमान यहां लाए जा रहे हैं.

वायु सेना वहां रसद में इज़ाफा करने और सैन्य टुकड़ियों के मूवमेंट में अहम रोल निभा रही है.

नौसेना ने भी भारतीय महासागर के इलाके में अपनी निगरानी बढ़ा दी है.


यह भी पढ़ें: जयराज-बेनिक्स की हिरासत में मौत के लिए सिर्फ पुलिस पर सवाल न उठाएं, अदालतें भी हैं जिम्मेदार


इस बीच आधी रात के बाद पीएलए के आधिकारिक मुखपत्र में एक संपादकीय जारी हुआ है, जिसमें 59 चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने के भारत के कदम की आलोचना की गई है.

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के सेंट्रल मिलिटरी कमीशन द्वारा अधिकृत और पीएलए न्यूज़ मीडिया सेंटर द्वारा प्रायोजित, चाइना मिलिटरी ऑनलाइन ने भारत पर आरोप लगाया कि चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाकर वो तनाव को बढ़ा रहा है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments