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Friday, 8 November, 2024
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पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया

भारत की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने कहा है कि जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया है और जिनका उनको समर्थन प्राप्त है उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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नई दिल्ली: गुरुवार शाम को पुलवामा में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमले के बाद कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया है. वाणिज्य मंत्रालय इस पर जो सूचना जारी करनी है, करेगी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हमले पर दुख जताते हुए आतंकियों के सामने घुटने न टेकने की बात की है.

सीसीएस की बैठक के बाद पत्रकारों को इसकी सूचना वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की. बैठक में प्रतिरक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री निवास पर बैठक की.

जेटली ने कहा कि सुरक्षा बल शांति और अमन बनाए रखने के लिए जम्मू कश्मीर में जो कदम उठाना है उठा रहे हैं ताकि किसी अन्य आतंकी घटना को रोका जा सके. ‘जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया है और जिनका उनको समर्थन प्राप्त है उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

जेटली ने कहा, विदेश मंत्रालय इस बात के लिए सभी कदम उठायेगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान अलग-थलग हो जाये- जिसका सीधा हाथ इस आतंकवादी हमले में रहा है

गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज श्रीनगर पहुंच कर दिनभर स्थिति का जायज़ा लेंगे और कल दिल्ली लौट कर एक सर्वदलीय बैठक की जायेगी, जिसमें आगे की कार्यवाही पर विचार विमर्श किया जायेगा.

भारत ने 1986 में 33 साल पहले संयुक्त राष्ट्र में कॉप्रिहैन्सिव कंवेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरोरिज़म पेश किया था जो आज तक पारित नहीं हो पाया है क्योंकि आतंकवाद की परिभाषा को लेकर विश्व के देशों में आम राय नहीं बन पाई है. जेटली ने कहा कि अब भारत और विदेश मंत्रालय प्रमुख देशों से संपर्क करेगा, ताकि इस कंवेंशन को तुरंत पारित किया जा सके.

राहुल गांधी ने कहा हम इस मौके पर भारत सरकार के साथ हैं

वहीं कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा हमले की गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हमारे जवानों के खिलाफ इस तरह का हमला बहुत ही अधिक घृणित है. राहुल गांधी ने कहा कि हम सभी जवानों के साथ खड़े हैं और मैं यह कहना चाहता हूं कि कोई भी दवाब हमारे देश को तोड़ नहीं सकता है.

राहुल गांधी ने कहा यह समय बहुत ही निराशा और उदासी भरा है. उन्होंने कहा कि इस मुसीबत के समय हम भारत सरकार और सुरक्षा बल के साथ खड़े हैं.

इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि यह बहुत निराशा भरा दिन है. हमारे देश ने 40 सुरक्षा जवान खो दिए हैं. मैं कहना चाहता हूं कि हम सभी शहीदों के परिवार के साथ खड़े हैं और हमलोग आतंकियों के सामने घुटने टेकने वाले नहीं है.

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