नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने हमेशा वैश्विक शांति, बंधुत्व व कल्याण में विश्वास किया है और बहुध्रुवीय विश्व में साझेदार बदलते रहते हैं।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में बदलते गठबंधनों के साथ-साथ हमारे सामने ‘रातों-रात बदल जाने’ की अवधारणा मौजूद है।
उन्होंने अपने सरकारी आवास पर ‘इंडिया फाउंडेशन’ के एक कार्यक्रम में कहा, “गठबंधन के मामले में भी यही बात देखी जा सकती है।”
कौटिल्य का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पड़ोसी शत्रु होता है और शत्रु का शत्रु मित्र होता है।
उन्होंने कहा, “भारत से बेहतर कौन सा देश जानता है। हम हमेशा वैश्विक शांति, वैश्विक बंधुत्व, वैश्विक कल्याण में विश्वास करते हैं। और इसीलिए मैंने कहा कि जी-20 के लिए हमारा आदर्श वाक्य (वसुधैव कुटुम्बकम) सौ फीसदी प्रतिबिंबित होता है।”
भाषा जोहेब वैभव
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